International Tiger Day 2020: देशभर को सफेद बाघ दे रहा दिल्ली का चिड़ियाघर
चिडि़याघर के डायरेक्टर रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि दिल्ली के चिडि़याघर में सफेद बाघों की संख्या बढ़ाने पर लगातार काम किया जा रहा है।
नई दिल्ली [राहुल सिंह]। राष्ट्रीय राजधानी के चिडि़याघर में सफेद बाघ देखने के इच्छुक लोग बड़ी संख्या में आते हैं, लेकिन यहां सफेद बाघों को लेकर एक ऐसी बात भी है, जिससे दिल्लीवासी भी सामान्यतया परिचित नहीं हैं। इस चिडि़याघर में सफेद बाघों की ब्रीडिंग पर खास काम किया जा रहा है, जिसके अच्छे नतीजे भी सामने आ रहे हैं।
चिडि़याघर के अधिकारियों का दावा है कि यहां से अब तक 19 सफेद बाघ देश के विभिन्न चिडि़याघरों को भेजे जा चुके हैं।ऐसे समय में, जबकि देश में सफेद बाघों की संख्या बहुत कम है, राजधानी का चिडि़याघर उनकी संख्या बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है।
मौजूदा समय में दिल्ली चिडि़याघर में छह सफेद बाघ हैं, जिनमें से तीन नर और तीन मादा हैं। इस साल एक भी शावक का जन्म नहीं हुआ, जबकि पिछले कुछ वर्षों में ये बाघ प्रतिवर्ष तीन-चार शावकों को जन्म देते रहे हैं।
बाघों की नौ प्रजातियों में से एक है सफेद बाघ
विश्व के 13 देशों में नौ प्रजाति के बाघ पाए जाते हैं। इनमें सफेद बाघ भी शामिल है। मध्यप्रदेश की रीवा रियासत के राजा मार्तंड सिंह ने वर्ष 1951 में शिकार के दौरान एक बाघ पकड़ा था, जिसका नाम उन्होंने मोहन रखा था। कुछ दिनों बाद उन्हें सफेद बाघिन भी मिली थी, जिसका नाम बेगम रखा गया था। दोनों को बाद में दिल्ली लाया गया, जहां उन्होंने दस शावकों को जन्म दिया। इसके बाद से दिल्ली के चिडि़याघर में सफेद बाघों की उपस्थिति लगातार बनी रही और इन बाघों को देशभर में भेजा जाने लगा। दिल्ली के चिडि़याघर से सफेद बाघ कानपुर, लखनऊ, हैदराबाद, भोपाल व मैसूर के चिडि़याघरों में भेजे जा चुके हैं।
चिडि़याघर के डायरेक्टर रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि दिल्ली के चिडि़याघर में सफेद बाघों की संख्या बढ़ाने पर लगातार काम किया जा रहा है। यह खुशी की बात है कि अब तक यहां जन्मे सफेद बाघ के 19 शावक देश के विभिन्न चिडि़याघरों को भेजे जा चुके हैं। कोरोना महामारी के बीच इन बाघों की सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा जा रहा है।