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Delhi Weather: जानिए- क्यों सर्दी-गर्मी के बाद मानसून में भी थोड़ा बदला-बदला सा है दिल्ली का मौसम

स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि इसमें कोई शक नहीं कि जलवायु परिवर्तन का असर मौसम पर पड़ रहा है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 09:32 AM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 09:32 AM (IST)
Delhi Weather: जानिए- क्यों सर्दी-गर्मी के बाद मानसून में भी थोड़ा बदला-बदला सा है दिल्ली का मौसम
Delhi Weather: जानिए- क्यों सर्दी-गर्मी के बाद मानसून में भी थोड़ा बदला-बदला सा है दिल्ली का मौसम

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। सर्दी और गर्मी के बाद इस बार मानसून में भी दिल्ली का मौसम थोड़ा बदला-बदला सा रहा है। जलवायु परिवर्तन का असर इस पर भी साफ नजर आया। शायद इसीलिए इस माह की सुबह नरम जबकि दिन गर्म रहे। बारिश ने कुछ ही दिन बरसकर भी खूब भिगोया। जुलाई का सामान्य अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस है जबकि इस बार यह सामान्य से 0.7 डिग्री अधिक 36.2 डिग्री सेल्सियस रहा। 4, 5, 15, 23 और 28 तारीख को सामान्य से कम दर्ज किया गया जबकि 10, 11, 14, 16, 17, 18, 27, 29 और 31 तारीख को सामान्य से अधिक रिकॉर्ड हुआ। माह के बाकी दिन यह सामान्य रहा। चार जुलाई को सर्वाधिक 41.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

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बता दें कि जुलाई माह के अधिकतम तापमान का ऑल टाइम रिकॉर्ड 45 डिग्री का है जो 1 जुलाई 1931 को गया था। इस माह का सामान्य न्यूनतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस है जबकि इस बार यह 0.7 डिग्री कम 26.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। 5, 8, 11, 12, 19, 21, 22 और 23 तारीख को यह सामान्य से कम जबकि 2, 3, 4, 15 और 18 तारीख को सामान्य से अधिक दर्ज हुआ। माह के शेष दिन सामान्य रहा। पांच जुलाई को यह सबसे कम 22.2 डिग्री सेल्सियस रहा। इस माह के न्यूनतम तापमान का ऑल टाइम रिकॉर्ड 20.3 डिग्री सेल्सियस है जो एक जुलाई 1986 को दर्ज किया गया था।

जुलाई में बारिश ने तोड़ा रिकॉर्ड

मानसून की शुरुआत कमजोर होने के बावजूद इस माह बारिश अपना रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाब रही। जुलाई की सामान्य बारिश 210.6 मिमी है, लेकिन कुछ ही दिन झमाझम बरसकर यह आंकड़ा 236.9 मिमी पहुंच गया। यानि 12 फीसद अधिक। याद रहे कि जुलाई के ज्यादातर दिन सूखे ही रहे, खासकर शुरू के तीन सप्ताह।

स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि इसमें कोई शक नहीं कि जलवायु परिवर्तन का असर मौसम पर पड़ रहा है। इसी के चलते उच्च स्तर वाली गतिविधियां ज्यादा होने लगी हैं। सर्दी ने भी रिकॉर्ड तोड़ा, गर्मी ने भी और अब बारिश भी कम दिन बरसकर सरप्लस में जा रही है।


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