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Delhi Weather News: सितंबर में पड़ रही अप्रैल-मई जैसी गर्मी, मौसम विभाग ने बताई आखिर क्या है वजह

Delhi Weather News सितंबर के पहले सात दिनों में अधिकतम तापमान सामान्यतया 34.3 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए लेकिन इस बार 36 डिग्री से भी अधिक दर्ज हुआ।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 06:45 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 01:26 PM (IST)
Delhi Weather News: सितंबर में पड़ रही अप्रैल-मई जैसी गर्मी, मौसम विभाग ने बताई आखिर क्या है वजह

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। जिस सितंबर में मौसम करवट लेने लगता है और जाड़े की सुगबुगाहट होने लगती है, इस बार दिल्ली वासी उमस भरी गर्मी झेलने को विवश हैं। तेज धूप की चुभन और उमस पसीना पोंछने पर मजबूर कर रही है, अभी भी बिना एसी के गुजारा नहीं हो पा रहा है। मौसम विशेषज्ञों ने इस स्थिति के पीछे जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ बादलों की बेरूखी को भी जिम्मेदार करार दिया है।

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गौरतलब है कि विदाई न लेने के बावजूद मानसून तो बरस ही नहीं रहा, तापमान भी कम होने का नाम नहीं ले रहा। सितंबर के पहले सात दिनों में अधिकतम तापमान सामान्यतया 34.3 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, लेकिन इस बार दर्ज हुआ 36 डिग्री से भी अधिक। इसी तरह आठ से 17 सितंबर के दौरान अधिकतम तापमान 33.7 से 33.8 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, जबकि इस साल यह 37 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर दर्ज किया गया। आलम यह है कि सितंबर का महीना इस बार अगस्त से भी गर्म साबित हुआ है। अगस्त में नौ तारीख को माह का सर्वाधिक अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री सेल्सियस रहा था, जबकि 18 सितंबर को यह 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

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जलवायु परिवर्तन है जिम्मेदार

मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि इन हालातों के लिए जलवायु परिवर्तन तो जिम्मेदार है ही, आसमान का साफ होना भी एक वजह है। ज्यादा बादल बन ही नहीं रहे। इससे सूरज की किरणें धरती तक सीधे पहुंच रही हैं। बारिश भी नहीं हो रही। पूर्व के वर्षों में 8 से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर भी बादल बनते थे तो रिमझिम फुहार करते रहते थे। लेकिन अब यह बादल 35 से 50 हजार फीट की ऊंचाई पर बनने लगे हैं। इससे बारिश कम हो गई है। इसके अलावा स्थानीय प्रदूषण और घटता वनक्षेत्र भी इस गर्मी और बारिश के बदले पैटर्न के लिए उत्तरदायी है।

क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि इन दिनों आसमान में बादल बहुत कम हैं। बीच में कोई अवरोधक न होने से सूरज की रोशनी सीधे भी जमीन तक पहुंच रही है। इसीलिए दिल्लीवासियों को अधिक गर्मी का एहसास हो रहा है।

वहीं, स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि इसमें कोई संदेह नहीं कि जलवायु परिवर्तन से मौसम पर गहरा असर पड़ रहा है। बादलों की ऊंचाई बढ़ गई है, बारिश की रिमझिम फुहारें घट गई हैं। मौसम के एक्सट्रीम इवेंट्स अब ज्यादा होने लगे हैं, इसीलिए गर्मी का विस्तार हो रहा है।

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शुक्रवार को टूटा 10 साल का रिकॉर्ड

शुक्रवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 38.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 18 सितंबर की तारीख में 2011 से लेकर 2020 का यह सर्वाधिक अधिकतम तापमान है। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 43 से 79 फीसद रहा।

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