Delhi Violence : दंगे के पांच मामलों में सात आरोपितों को मिली जमानत
भजनपुरा में हुई हत्या के एक ही मामले में चार आरोपितों को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि गोली चलाने वाले व्यक्ति के रूप में किसी भी आरोपित को नहीं पहचाना गया है। लंबे वक्त से ये आरोपित न्यायिक हिरासत में हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगे के पांच मामलों में कड़कड़डूमा कोर्ट ने सात आरोपितों को जमानत दी है। इसमें भजनपुरा में हुई हत्या के एक ही मामले में चार आरोपितों को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि गोली चलाने वाले व्यक्ति के रूप में किसी भी आरोपित को नहीं पहचाना गया है। लंबे वक्त से ये आरोपित न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि इस मामले में पुलिस की जांच एक इंच आगे नहीं बढ़ी है।
गत वर्ष 25 फरवरी को भजनपुरा के उत्तरी घोंडा इलाके के सुभाष मोहल्ला में दंगाइयों ने मारूफ अली की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जबकि उनके पड़ोसी शमशाद घायल हो गए थे। इस मामले में आरोपित मनोज, नवीन त्यागी, इमरान और शोएब सैफी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट ने जमानत दी है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि इस मामले में हत्या में प्रयोग हुआ हथियार अब तक बरामद नहीं हुआ है। न ही यह मालूम हो पाया कि गोली किसने चलाई थी। शिकायतकर्ता यानी मृतक के भाई हारुन ने किसी आरोपित की पहचान नहीं की है। अन्य दो गवाहों ने तीन आरोपितों की पहचान की है। लेकिन, एक भी गवाह ने यह नहीं बताया कि आरोपितों में से किसी को गोली चलाते हुए देखा।
आरोपपत्र में दिए गए घटनास्थल के साइट प्लान को देखकर नहीं लगता कि दूसरे समुदाय की तरफ से गोली चलाई गई। कोर्ट ने कहा कि इस स्टेज पर गैर कानूनी सभा को लेकर टिप्पणी करना उचित नहीं है। उस वक्त माहौल ऐसा था कि दोनों समुदायों के लोग घरों से बाहर अपने समुदाय के लिए एकजुट थे। इसके अलावा इसी कोर्ट ने दंगे के दौरान खजूरी खास इलाके में ऑटो चालक बब्बू की हत्या के मामले में आरोपित हरजीत सिंह को जमानत दी है। आरोपित की तरफ से उसके वकील ने कोर्ट में पक्ष रखा था कि इस मामले में घटना के 81 दिन बाद मुकदमा दर्ज किया गया। अभियोजन ने देरी के पीछे कारण स्पष्ट नहीं किया है।
वहीं, दयालपुर इलाके में दंगे के दौरान चांद बाग के पास मुख्य वजीराबाद रोड पर ट्रक और गन्ने के गोदाम को आग लगाने के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की अदालत ने आरोपित शौकीन को जमानत दी है। यह कहते हुए कि ट्रक में आग उसने लगाई, प्रथम दृष्टया यह साक्ष्य नहीं है। इसके अलावा दंगे के दौरान सोनिया विहार में हुई हिंसा और डकैती के दो अलग-अलग मामले में आरोपित देवेंद्र गौतम को इस कोर्ट ने जमानत दी है।