Move to Jagran APP

Delhi Violence: हिंसा के कारण मानसिक पीड़ा से गुजर रहे लोगों का इहबास में कराएं काउंसलिंग

उत्तर-पूर्वी जिले में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मृतकों और घायलों के अलावा कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मानसिक रूप से परेशान हैं। इहबास में इनके लिए सुबह काउंसलिंग की व्यवस्था की गई है।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 11:47 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 11:47 AM (IST)
Delhi Violence: हिंसा के कारण मानसिक पीड़ा से गुजर रहे लोगों का इहबास में कराएं काउंसलिंग
Delhi Violence: हिंसा के कारण मानसिक पीड़ा से गुजर रहे लोगों का इहबास में कराएं काउंसलिंग

राहुल चौहान, नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी जिले में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मृतकों और घायलों के अलावा कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मानसिक रूप से परेशान हैं। ऐसे लोगों की काउंसलिंग के लिए दिलशाद गार्डन स्थित मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) ने सरकार के निर्देश पर एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, इहबास के प्रशासनिक ब्लॉक में एक क्राइसिस सपोर्ट सेंटर की शुरुआत की गई है। इस सेंटर पर हिंसा के कारण मानसिक पीड़ा से गुजर रहे लोगों की सुबह आठ बजे से शाम के आठ बजे तक काउंसलिंग की व्यवस्था की गई है। 

loksabha election banner

काउंसलिंग द्वारा उनके मानसिक तनाव को कम करके उन्हें सामान्य स्थिति में लाया जाएगा। अस्पताल द्वारा इन पीड़ितों के लिए दो हेल्पलाइन नंबर 9868396841 और 01122574820 भी शुरू किए गए हैं। इन नंबरों पर कॉल करके कोई भी पीड़ित काउंसलिंग सुविधा का लाभ उठा सकता है। क्राइसिस सेंटर में आने वाले मरीजों के लिए पांच बिस्तरों की भी व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही यहां सीनियर चीफ रेजिडेंट, सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट क्लिनिकल अटेंडेंट सहित करीब 12 लोगों के स्टाफ की तैनाती की गई है। 

मानसिक तौर पर काफी तनाव

इसके अलावा हिंसा पीड़ितों को मानसिक पीड़ा से उबारने के लिए डॉक्टर उनके घर जाकर भी काउंसलिंग करेंगे। गौरतलब है कि दिल्ली में हिंसा के चलते सैंकड़ों लोग अभी भी मानसिक तौर पर काफी तनाव में हैं। उनके जेहन में वो खौफनाक तस्वीरें आज भी कैद हैं जो उन्होंने हिंसा के दौरान देखी थीं। इससे पहले इहबास की टीम ने शनिवार को गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल जाकर करीब 27 मरीजों को देखा। ये लोग यहां घायल होने के बाद भर्ती हुए थे और इसी दौरान मानसिक तनाव का शिकार हो गए। 

42 मरीजों को देखा गया

वहीं रविवार को इहबास में 7 और सोमवार को 2 मरीज आए। इससे पहले शुक्रवार को भी कुछ मरीज देखे जा चुके हैं। इनमें से कई मरीज ऐसे थे, जिन्होंने अपनी आंखों से दंगाइयों को तांडव करते देखा था। ऐसे सभी मरीजों की काउंसलिंग यहां क्राइसिस सपोर्ट सेंटर पर मुफ्त की जा रही है। इहबास अस्पताल के निदेशक डॉ. निमिष देसाई ने बताया कि अभी तक 42 मरीजों को देखा गया है।

पीड़ितों को मिली मुफ्त कानूनी सलाह

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) शाहदरा द्वारा गुरू तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल और डीएलएसए उत्तर-पूर्वी द्वारा जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में हिंसा पीड़ितों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए लगातार शिविर लगाए जा रहे हैं। सोमवार को शिविर के दौरान जीटीबी अस्पताल में 20-25 लोगों ने कानूनी सहायता प्राप्त की। इनमें से कई लोग अपने लापता परिजनों को ढूंढ रहे थे। उन्हें एफआईआर कराने की जानकारी डीएलएसए की कानूनी सलाहकार द्वारा दी गई। सरकार द्वारा दिए जा रहे मुआवजे को प्राप्त करने की कानूनी प्रक्रिया की जानकारी भी यहां लोगों को दी जा रही है। 

डीएलएसए की योजनाओं के बारे में बताया

सोमवार को डीएलएसए शाहदरा की सचिव विधि गुप्ता आनंद ने जीटीबी अस्पताल के शिविर में पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें डीएलएसए की योजनाओं के बारे में बताया। वहीं, जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में भी 15-20 लोगों ने कानूनी सलाह का लाभ लिया। शिविर के दौरान जीटीबी में अधिवक्ता ममतेश शर्मा और पैरा लीगल वालंटियर (पीएलवी) आशा मित्तल ने लोगों को कानूनी सहायता दी। वहीं, जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में अधिवक्ता गीता भारती और पीएलवी कामता प्रसाद एवं नीलम ने लोगों को कानूनी सहायता दी। दोनों डीएलएसए द्वारा अभी 3-4 दिन तक हिंसा पीड़ितों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.