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दिल्ली दंगों में हत्या के दो मामलों में चार्जशीट दाखिल,वॉट्सऐप ग्रुप से मिला अहम सुराग

Delhi Violence Case क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को दाे और मामलों में आरोप पत्र दायर किए हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 05:30 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 05:33 PM (IST)
दिल्ली दंगों में हत्या के दो मामलों में चार्जशीट दाखिल,वॉट्सऐप ग्रुप से मिला अहम सुराग
दिल्ली दंगों में हत्या के दो मामलों में चार्जशीट दाखिल,वॉट्सऐप ग्रुप से मिला अहम सुराग

नई दिल्ली [लोकेश चौहान]। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को दाे और मामलों में आरोप पत्र दायर किए हैं। दोनों मामलों में शव जौहरीपुर नाले में मिले थे। नाले से मिले दो अन्य शवों की पहचान नहीं हो पाई थी। नाले से जिन दोनों युवकों के शव मिले थे, वे सगे भाई थे। दोनों की हत्या 25 और 26 फरवरी को की गई थी। हत्या करने के बाद दंगाइयों ने दोनों भाइयों के साथ दो अन्य लोगों के शव नाले में फेंक दिए थे। हत्या के चारों मामले गोकुलपुरी थाने में दर्ज किए गए थे। दंगाइयों ने जहां इन चारों लोगों की हत्या की थी, वहां सीसीटीवी कैमरे नहीं थे।

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क्राइम ब्रांच द्वारा दायर किए गए आरोप पत्र के अनुसार, उत्तर-पूर्व जिले में दंगों की शुरुआत कर्दमपुरी, मौजपुर और चांद बाग से हुई और 26 फरवरी को डीआरपी स्कूल और राजधानी पब्लिक स्कूल के पास शिव विहार तिराहा पर दंगे हुए। 27 फरवरी की सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर जौहरीपुर में नाले से तीन शव बरामद किए गए। उस समय उनकी पहचान नहीं हो सकी थी। उसी दिन दोपहर बाद करीब चार बजे जौहरीपुर नाले में तीनों शवों से कुछ दूरी पर एक और व्यक्ति का शव बरामद हुआ था। गोकलपुरी थाने में हत्या के चार अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे। 

मामले की जांच में यह पता लगा कि 26 फरवरी की रात करीब साढ़े नौ बजे एक युवक न्यू मुस्तफाबाद में अपने घर लौट रहा था और रास्ते में भगीरथी विहार में जल बोर्ड पुलिया पर दंगाइयों ने उसकी हत्या कर दी गई। उसके शव को जौहरीपुर नाले में फेंक दिया गया था। 

दूसरे मामले की जांच में यह पता लगा कि 25 फरवरी की रात करीब साढ़े सात बजे दंगाइयों ने भागीरथी विहार इलाके की बिजली काट दी। अंधेरे में भीड़ ने भागीरथी विहार के सी ब्लॉक में एक शख्स के घर पर हमला किया था। भीड़ उसे घर से घसीटते हुए सड़क पर ले आई और उसकी हत्या कर दी। उसके शव को खुले नाले में फेंक दिया। 

आरोप पत्र के अनुसार, दोनों स्थानों पर हुई घटना किसी भी सीसीटीवी कैमरे में कैद नहीं हो सकी। स्थानीय लोगों से पूछताछ में पता लगा कि 24 फरवरी को विशेष समुदाय के लोगों द्वारा किए गए दंगे में बड़े पैमाने पर दूसरे समुदाय के लोगों की संपत्ति का नुकसान हुआ था। इसके बाद 25 और 26 फरवरी को दूसरे समुदाय के लोग एकजुट हो गए थे। दोनों दिन दंगा करने वाले समूह की पहचान की गई और समूह के कुछ सदस्यों को हिरासत में लिया गया।

पूछताछ में पता चला कि 25 और 26 फरवरी को एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया था। इस ग्रुप में 125 सदस्य थे। वॉट्सऐप ग्रुप के कई सदस्य चुप थे। इसके बाद चश्मदीद गवाहों के जरिये आरोपितों की पहचान और जांच की गई। मौखिक साक्ष्य और वॉट्सऐप समूह में की गई चैट पर आरोपितों की पहचान की गई थी। हत्या के मामले में 10 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। मृतक का मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया है। वहीं, एक अन्य की हत्या के मामले में नौ आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।


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