Delhi Vasant Kunj: सोसायटी के लोगों ने बनाया आइसोलेशन सेंटर, तैयार किए आक्सीजन की सुविधा वाले पांच बेड
जब अस्पतालों में बेड व आक्सीजन की किल्लत हो रही है तो लोग खुद ही अपने लिए इलाज की व्यवस्था करने में जुट गए हैं। वसंत कुंज इलाके में रहने वाले लोगों ने आपसी सहयोग से कोविड केयर सेंटर व क्वारंटाइन सेंटर बनाया है।
नई दिल्ली, [अरविंद कुमार द्विवेदी]। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जब अस्पतालों में बेड व आक्सीजन की किल्लत हो रही है तो लोग खुद ही अपने लिए इलाज की व्यवस्था करने में जुट गए हैं। वसंत कुंज इलाके में कुछ सोसायटी में रहने वाले लोगों ने आपसी सहयोग से अपने लिए कोविड केयर सेंटर व क्वारंटाइन सेंटर तक बना लिया है। जरूरत पड़ने पर यहां आक्सीजन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। वसंत कुंज स्थित गंगा व यमुना अपार्टमेंट के आरडब्ल्यूए ने आक्सीजन की सुविधा के साथ पांच बेड का कोविड केयर सेंटर सह क्वारंटाइन सेंटर बनाया है।
इन सोसायटियों में किसी को कोराेना संक्रमण के हल्के लक्षण होने पर अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही सरकारी आइसोलेशन सेंटरों में जाना पड़ेगा। इस सप्ताह यहां आक्सीजन के साथ छह बेड और तैयार हो जाएंगे। संक्रमण होने पर मरीज को यहां पर बेड व आक्सीजन मिल जाएगी लेकिन डाक्टर व दवाओं के व्यवस्था मरीज के घरवालों को ही करना होगा। अस्पताल में बेड मिलने तक लोगों को यहां आक्सीजन की सुविधा मिल जाएगी।
गंगा अपार्टमेंट आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एनएस मोर ने कहा कि सोसायटी में यदि किसी को कोरोना के लक्षण हैं और उनका आक्सीजन लेवल गिर रहा है तो उन्हें डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यदि डाक्टर घर पर ही रहकर इलाज कराने या आक्सीजन लेने की सलाह देते हैं तो व्यक्ति को यहां पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यदि डाक्टर मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दें तो उसे अस्पताल ही जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि रविवार को इस केंद्र को शुरू किय गया था। सोमवार शाम तक चार लोग इस सुविधा का लाभ ले चुके हैं।
एनएस मोर ने बताया कि यह सुविधा इसलिए भी अहम है क्योंकि संक्रमण के बाद तुरंत लोगों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही है। ऐसे में कुछ समय के लिए यहां पर आक्सीजन की सुविधा मिल जएगी। जब बेड मिल जाए तो मरीज अस्पताल में भर्ती हो जाएगा। गंगा आरडब्ल्यूए ने अपने सभी सिक्योरिटी गार्ड को सिलेंडर बदलने व रिफिल के लिए भेजने आदि का प्रशिक्षण दिया है। उन्होंने कहा कि सभी आरडब्ल्यूए को अपने सोसायटी में ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि संक्रमण के बाद मरीज को तुरंत आइसोलेट किया जा सके। इससे सोसायटी में अन्य लोगों के संक्रमित होने का खतरा भी कम रहेगा।