उत्तम नगर में दो फर्जी काल सेंटर का फंडाफोड़, महिला मैनेजर गिरफ्तार
उत्तर पूर्वी जिले के साइबर सेल ने उत्तम नगर में दो फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। दो महिलाएं अपने पति व सहयोगी के साथ एक ही बिल्डिंग में दो अलग-अलग काल सेंटर चला रही थीं। पुलिस ने एक महिला मैनेजर को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली [शुजाउद़ीन]। उत्तर पूर्वी जिले के साइबर सेल ने उत्तम नगर में दो फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। दो महिलाएं अपने पति व सहयोगी के साथ एक ही बिल्डिंग में दो अलग-अलग काल सेंटर चला रही थीं। पुलिस ने एक महिला मैनेजर को गिरफ्तार किया है, उसकी पहचान नजफगढ़ निवासी के रूप में हुई है। साथ ही काल सेंटर में काम करने वाली 15 युवतियों व एक युवक को पकड़ा है। पुलिस ने काल सेंटर से सवा लाख रुपये, 32 मोबाइल, एक लैपटाप व 12 क्रेडिट व डेबिट कार्ड बरामद किए हैं।
वह पिछले दो वर्षों से ठगी का धंधा कर रहे थे। पुलिस इनके साथी परवेज, संदीप व एक अन्य महिला की तलाश कर रही है। जिला पुलिस उपायुक्त संजय सेन ने बताया कि 12 जनवरी को कबीर नगर निवासी रिहान खान ने पुलिस को ठगी की शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि उसके पास दो बैंक के क्रेडिट कार्ड हैं, उसने कोई खरीदारी नहीं की। लेकिन उसके दोनों कार्ड से करीब एक लाख 85 हजार रुपये निकल गए। पुलिस ने केस दर्ज किया। जांच के लिए एसआइ नरेश व अन्य की टीम बनाई गई। पुलिस को पता चला कि यह बड़ी संख्या में लोगों को ठग चुके हैं, इनके बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है।
ऐसे हुआ भंडाफोड़ : पुलिस ने गूगल को पत्र लिख पीड़ित युवक के जीमेल से जुड़ी सारी जानकारी मांगी, साथ ही खुद भी उसके जीमेल को खंगाला। इस दौरान पुलिस को एक मोबाइल का आइपी एड्रेस मिला, जिससे पीड़ित का मेल खोला गया था। पुलिस ने उस आइपी एड्रेस के जरिये मोबाइल नंबर का पता किया। पुलिस को पता चला कि नंबर निहाल विहार निवासी एक महिला के नाम पर है, जिसे उद्योग विहार का रहने वाला तंजीम राजा नाम का युवक चला रहा है। टेक्निकल सर्विलांस के जरिये पुलिस को पता चला कि नंबर उत्तम नगर में सक्रिय है।
ट्रूकालर एप के जरिये जीमेल में करते थे घुसपैठ
पुलिस जांच में पता चला कि महिला ने आठ से दस हजार रुपये के वेतन पर लड़कियों को सेंटर में रखा हुआ था, आरिफ इन्हें नंबर देकर लोन के लिए लोगों को काल करवाता था। उनके फोन में ट्रूकालर नाम का एप डाउनलोड था, जब व्यक्ति को काल करते थे, उसका जीमेल एड्रेस एप पर दिखने लगता था। एड्रेस मिलने पर वह उसका पासवर्ड तोड़कर क्रेडिट कार्ड की जानकारी जुटा लेते थे। फिर ये क्रेडिट कार्ड का पिन भी तोड़ लेते थे। साथ ही लोगों को सस्ती दर पर लोन देने का झांसा देकर विभिन्न फीस के नाम पर रकम ऐंठ लेते थे।