फर्जी संदेशों से दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया और जेएनयू परेशान, 15 दिनों में तीसरा संदेश वायरल
फर्जी संदेशों की वजह से सिर्फ अनिमेष ही नहीं सैकड़ों छात्र व उच्च शिक्षण संस्थान भी खासे परेशान है। शरारती तत्व दिल्ली विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से संबंधित संदेश लगातार पोस्ट कर रहे हैं।
नई दिल्ली, संजीव कुमार मिश्र। अनिमेष डीयू, प्रथम वर्ष के छात्र हैं। दाखिले के दौरान अनिमेष कुछ दस्तावेज जमा नहीं कर पाए थे। दस्तावेज जमा करने को लेकर उनकी चिंता जायज है। इस बीच फेसबुक पर पोस्ट एक नोटिस ने उन्हें गफलत में डाल दिया। नोटिस में प्रथम वर्ष के छात्रों को डीयू नार्थ कैंपस पहुंचकर दस्तावेज जल्द से जल्द जमा करने का आदेश दिया गया था। बस फिर क्या था, अनिमेष ने दिल्ली जाने की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि इस बीच कालेज फोन किया तो पता चला कि इस तरह का कोई नोटिस जारी ही नहीं किया गया है। फर्जी संदेशों की वजह से सिर्फ अनिमेष ही नहीं सैकड़ों छात्र व उच्च शिक्षण संस्थान भी खासे परेशान है। शरारती तत्व दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से संबंधित संदेश लगातार पोस्ट कर रहे हैं।
15 दिनों में तीसरा फर्जी संदेश
डीयू प्रशासन ने बताया कि महज 15 दिनों के अंदर यह तीसरा फर्जी संदेश है। जिसकी वजह से छात्र काफी परेशान हुए हैं। इसके पहले 28 दिसंबर को एक फर्जी संदेश वायरल हुआ था। जिसमें 22 नवंबर के आदेश का हवाला देकर 7 जनवरी से विवि के खोले जाने की बात कही गई थी। एक दिन बाद ही एक अन्य फर्जी संदेश डीयू कुलसचिव के नाम से वायरल हुआ। इस संदेश में भी डीयू में छात्रों को प्रवेश देने की बात कही गई थी जो कि निराधार थी। अब प्रथम वर्ष के छात्रों को 31 जनवरी तक डीयू परिसर पहुंचकर अपने शैक्षणिक दस्तावेज जमा करने संबंधी फर्जी संदेश वायरल हुआ है। डीयू प्रशासन ने इस बाबत एक नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि छात्र सिर्फ आनलाइन ही दस्तावेज जमा करें। फर्जी संदेशों के झांसे में ना आएं। कालेज प्रशासन के लगातार संपर्क में रहें।
जामिया भी परेशान
जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रशासन प्रोक्टेड परीक्षा के आयोजन को लेकर लगातार सुर्खियों में रहा। परीक्षा को लेकर ही एक फर्जी संदेश भी वायरल हुआ। जिसमें कहा गया था कि 21 दिसंबर से परीक्षाएं आनलाइन आयोजित होंगी। विवि ने इसे पूरी तरह फर्जी बताया था।
जेएनयू भी निशाना
मार्च 2020 से ही जेएनयू के दरवाजे छात्रों के लिए बंद हैं। सिर्फ शोधार्थियों को ही चरणबद्ध तरीके से परिसर में प्रवेश दिया गया है। कोरोना काल में जेएनयू से संबंधित कई फर्जी संदेश वायरल हुए। अधिकतर परिसर में छात्रों के प्रवेश देने से ही संबंधित थे। फर्जी संदेश मई एवं सितंबर में वायरल हुए थे।
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