डीयू के स्नातक पाठ्यक्रमों को नई शिक्षा नीति के तहत किया जाएगा चार वर्षीय
समिति ने बैठकों में स्नातक पाठ्यक्रमों की संरचना पर व्यापक और गहन तरीके से विचार-विमर्श किया। इसके बाद समिति ने विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों की संरचना और नाम बदलने की सिफारिशें की हैं।सिफारिशों के लागू होने पर कई कार्यक्रमों की समय अवधि तीन वर्ष से बढ़ाकर चार वर्ष तक हो जाएगी।
नई दिल्ली, राहुल चौहान। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए गठित की गई नई शिक्षा नीति-2020 कार्यान्वयन समिति (एनआइसी) ने 14 बैठकों में गहन विचार विमर्श के बाद अपनी सिफारिशें की हैं। समिति ने बैठकों में स्नातक पाठ्यक्रमों की संरचना पर व्यापक और गहन तरीके से विचार-विमर्श किया। इसके बाद समिति ने विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों की संरचना और नाम बदलने की सिफारिशें की हैं। इन सिफारिशों के लागू होने पर कई कार्यक्रमों की समय अवधि तीन वर्ष से बढ़ाकर चार वर्ष तक हो जाएगी। साथ ही कई पाठ्यक्रमों के नाम भी बदल जाएंगे।
इस तरह बैचलर आफ आर्ट्स (आनर्स), बैचलर आफ साइंस (आनर्स) और बैचलर आफ कामर्स (आनर्स) पाठ्यक्रम में शोध को जोड़कर इनकी समयावधि को चार वर्ष किया जाएगा। वहीं, बीएससी प्रोग्राम के नाम से संचालित पाठ्यक्रमों को बैचलर आफ साइंस (आनर्स), बैचलर ऑफ फिजीकल साइंस (आनर्स), बैचलर आफ लाइफ साइंस (आनर्स), बैचलर आफ मैथमैटिकल साइंस (आनर्स) के नाम से जाना जाएगा। वहीं, बीकाम आनर्स नाम से संचालित पाठ्यक्रम को बैचलर ऑफ कामर्स स्टडीज (आनर्स) के नाम से, साथ ही बीए प्रोग्राम को बैचलर आफ आर्ट्स (आनर्स) इन ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज के नाम से जाना जाएगा।
इन सभी पाठ्यक्रमों की समय अवधि भी चार वर्ष की होगी। जबकि इन पाठ्यक्रमों में शोध के साथ ही कई अन्य विषयों को भी जोड़ा जाएगा। जैसे कि फिलहाल स्नातक आनर्स पाठ्यक्रम में एक ही भाषा को शामिल किया गया है, लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत की गई सिफारिशों में छात्रों को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा।जिनमें से एक भाषा अनिवार्य रूप से भारतीय होगी। यह बदलाव भाषा और साहित्य विषय के तहत जोड़ा जाएगा। वहीं, इसके साथ ही सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा, नवाचार और उद्यमिता, नैतिकता और संस्कृति, बहु-विषयक और अनुसंधान की शिक्षा दी जाएगा। साथ ही सह पाठ्यक्रम के रूप में संगीत, बागबानी, कला और खेल की शिक्षा को भी शामिल किया जाएगा।