डीयू के चार बच्चों ने मानवता की सेवा के लिए बनाया 'जनमन', अब कोरोना से बचने का बांट रहे सामान
शौर्य राय ने बताया कि उनकी संस्था बिहार की एनजीओ वूडपीकर्स इनिशिएटिव और कोरोना योद्धाओं के साथ मिलकर जरूरतमंदों के लिए सैनिटाइजर बनाने का काम भी कर रही है।
नई दिल्ली (रितु राणा)। कोरोना वायरस के प्रकोप का शिकार हुए जरूरतमंदों की मदद सरकार तो कर ही रही है, लेकिन इस संकटकाल में कुछ व्यक्ति व संस्थाएं भी मानवता की मिसाल बनकर लोगों तक राशन-पानी के साथ कोरोना से बचाव के जरूरी संसाधन भी उपलब्ध कराने लगे। उम्मीद की इन्हीं किरणों में एक नाम 'जनमन' संस्था का भी है। यह संस्था किरोड़ीमल कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) के चार पूर्व विद्यार्थियों का सामूहिक संगठन है। जिसके संस्थापक शौर्य राय, प्रियम अग्रवाल, शाश्वत व राजीव राय हैं।
कर रहे मानवता की रक्षा
इन सभी ने शिक्षा द्वारा जिन मानवीय मूल्यों ग्रहण किया उसे जमीनी हकीकत का रूप भी दिया और मानवता की रक्षा के लिए निकल पड़े। शुरुआती दिनों में जनमन द्वारा राजधानी दिल्ली में जगह-जगह जाकर गाड़ी के माध्यम से राशन के रूप में दाल, चावल, तेल, चीनी आदि राहत सेवाएं उपलब्ध कराई गईं। जैसे-जैसे अन्य वालंटियर इस संस्था से जुड़ते गए वैसे ही नोएडा और गुरूग्राम में भी संस्था द्वारा राहत सामग्री पहुंचाई जाने लगी।
हजारों लोगाें को पहुंचाई मदद
संस्था के सदस्य लोगों को शारीरिक दूरी का पालन कराने हुए ही राशन वितरित करते हैं। वर्तमान समय में नेटवर्किंग और क्राउड फंडिंग द्वारा देश के सात राज्यों में यह संस्था जरूरतमंदों और कोरोना योद्धाओं तक राहत सेवाएं पहुंचा रही है। अब तक हजारों लोगों तक राहत सेवाएं पहुंचाई जा चुकी हैं।
बिहार की संस्था के साथ मिलकर बना रही सैनिटाइजर
शौर्य राय ने बताया कि उनकी संस्था बिहार की एनजीओ वूडपीकर्स इनिशिएटिव और कोरोना योद्धाओं के साथ मिलकर जरूरतमंदों के लिए सैनिटाइजर बनाने का काम भी कर रही है। इसके अलावा नदोरा इनिशिएटिव के साथ मिलकर हमलोगों तक सैनेटरी नैपकिन भी पहुंचाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हमारा कार्यक्षेत्र बढ़ रहा है, वैसे-वैसे वॉलेंटीयर्स की जरूरत भी बढ़ रही है। समाज के कुछ कर गुजरने की चाह रखने वाले लोग स्वतंत्र रूप से इस संस्था से जुड़ सकते हैं और एक संरचनात्मक भूमिका अदा कर सकते हैं।