RTO के नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर, ऑनलाइन सेवा देने वाला देश का पहला राज्य होगा
एक अक्टूबर से परिवहन विभाग में सभी सेवाएं ऑनलाइन हो जाएंगी। एक तारीख से कोई भी कार्य मैनुअल तरीके से नहीं किया जाएगा। ऐसी सुविधा देने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य होगा।
नई दिल्ली (वी.के.शुक्ला)। एक अक्टूबर से परिवहन विभाग में सभी सेवाएं ऑनलाइन हो जाएंगी। एक तारीख से कोई भी कार्य मैनुअल तरीके से नहीं किया जाएगा। दिल्ली देश का पहला राज्य होगा जहां पर परिवहन विभाग से संबंधित सभी कार्य ऑनलाइन होंगे।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस व्यवस्था को एक अक्टूबर से लागू किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। परिवहन सचिव वर्षा जोशी का कहना है कि इस सुविधा से लोगों को बहुत लाभ मिलेगा। एक अक्टूबर से दिल्ली के बाशिंदों को परिवहन से संबंधित सेवाओं के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। लर्निग व परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस और डुप्लीकेट वाहन पंजीकरण प्रमाण-पत्र सहित विभिन्न सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। नई व्यवस्था के अनुसार पूरी प्रक्रिया में केवल एक बार दफ्तर पहुंचना होगा और विभाग इसकी जरूरत भी खत्म करने की दिशा में काम कर रहा है।
ये कार्य होंगे ऑनलाइन
वाहन का मालिकाना हक स्थानांतरित करना, वाहन पंजीकरण प्रमाण-पत्र में परिवर्तन, दूसरे राज्य में वाहन बेचने के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र, रोड टैक्स का भुगतान, व्हीकल फिटनेस फीस और फैंसी पंजीकरण संख्या का आवंटन भी शामिल है। इसके अलावा वाहनों के चालान से लेकर, फीस जमा करना आदि भी प्रमुख रूप से शामिल है।
लोगों की मदद के लिए हेल्प डेस्क
परिवहन विभाग की सभी अथॉरिटी पर हेल्प डेस्क होगी। जिन पर 60 रुपये खर्च पर आवेदन करने की सुविधा दी जा सकेगी। इन कार्यो के आवेदन के लिए लोगों से साइबर कैफे पर दो सौ रुपये तक ले लिए जाते हैं। इससे लोगों को दलालों से छुटकारा मिल सकेगा।
दिल्ली में प्रति वर्ष बढ़ रही है वाहनों की संख्या
पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2015 में 662155 वाहन पंजीकृत हुए। 2016 में 682758 में वाहन पंजीकृत हुए, जबकि 2017 में 713695 वाहन पंजीकृत हुए।
विभाग ने कर्मचारियों पर नजर रखने के दिए निर्देश
परिवहन विभाग ने सभी 13 क्षेत्रीय अथॉरिटियों में कार्यरत कर्मचारियों पर नजर रखे जाने के भी निर्देश दिए हैं। हाल ही में विभाग में कार्यरत डाटा ऑपरेटर, अगस्त में फर्जी तरीके से लाइसेंस बनाते पाए गए हैं। इस पर विभाग ने यह कदम उठाया है। सूत्रों का कहना है कि विभाग को आशंका है कि तकनीकी रूप से सक्षम कुछ कर्मचारी फर्जी तरीके से लाइसेंस आदि बनाने का कार्य कर सकते हैं। अगस्त माह में सूरजमल विहार अथॉरिटी में फर्जी लाइसेंस बनाने के मामले सामने आए थे। मामले में डिम्ट्स के तीन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया था। विभाग में अब नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर द्वारा तैयार किया गया साफ्टवेयर उपयोग में लाया जा रहा है। विभाग ने प्रति सप्ताह लॉग इन आइडी और पासवर्ड बदलने के भी निर्देश दिए हैं।