पसंदीदा एक्ट्रेस श्रीदेवी को थिएटर कलाकारों ने यूं किया याद, बोले- सदमे से कम नहीं उनका जाना
एनएसडी के डायरेक्टर प्रो. वामन केंद्रे ने बताया कि जबसे मैंने 'सदमा' फिल्म देखी थी तबसे मैं उनका प्रशंसक हो गया।
नई दिल्ली (अभिनव उपाध्याय)। फिल्म जगत की मशहूर अदाकारा श्रीदेवी के निधन से राजधानी का कला जगत भी दुखी है। श्री देवी जब भी दिल्ली आतीं तो अपने प्रशंसकों से मिलती थीं। थियेटर ओलंपिक्स में आए कलाकारों ने उनके यूं चले जाने पर शोक जताया है व इसे अपूरणीय क्षति बताया है।
थियेटर ओलंपिक्स में आए दक्षिण भारतीय फिल्मों के मशहूर चरित्र अभिनेता और बॉलीवुड में भी अपनी अदाकारी का सिक्का जमाने वाले नासिर ने कहा श्रीदेवी ने 8 साल की उम्र से विभिन्न भारतीय भाषाओं की फिल्मों में अभिनय किया। वह बेहतरीन कलाकार थीं और उनका निधन दुखद है। अपने प्रशंसकों के बीच वह हमेशा ही जीवित रहेंगी।
एनएसडी के पूर्व छात्र रहे अभिनेता वीरेंद्र सक्सेना ने कहा कि श्रीदेवी बेहतरीन अदाकारा के साथ ही बेहतरीन शख्सियत की भी मालकिन थीं। दक्षिण भारत की होने के बाद भी जिस तरह से उन्होंने हिंदी फिल्मों में अपनी जगह बनाई वह उनका कला के प्रति समर्पण दर्शाता है। मैंने उनका काम देखा है और उनके निधन से हम सब गमगीन हैं। बता दें कि श्रीदेवी ने तमिलानाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और अभिनेत्री जे. जयललिता के साथ भी बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया है।
एनएसडी के निदेशक और प्रसिद्ध नाट्य निर्देशक प्रो. वामन केंद्रे बताते हैं कि श्रीदेवी का इस तरह से कला प्रेमियों के बीच से जाना एक सदमा है। श्रीदेवी का निधन कला जगत की एक अपूरणीय क्षति है। जबसे मैंने 'सदमा' फिल्म देखी थी तबसे मैं उनका प्रशंसक हो गया।
यह फिल्म मैंने कम से कम 25 बार देखी थी। इसमें श्रीदेवी और कमल हसन की अदाकारी बेहतरीन है। हाल में आई उनकी फिल्म 'इंग्लिश विंग्लिश' भी मैंने देखी। उनका निधन भारतीय सिनेमा के लिए बड़ा सदमा है।
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