डीएसजीएमसी अध्यक्ष चुनाव का रास्ता साफ, गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने बुलाई नवनिर्वाचित सदस्यों की बैठक
डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना हरविंदर सिंह सरना और मनजीत सिंह जीके के साथ निर्वाचित सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल गुरुद्वारा चुनाव निदेशक से मिला। बाद में सरना व जीके ने बताया कि निदेशक ने दारा के नाम की घोषणा कर दी है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के पदाधिकारियों व कार्यकारिणी का चुनाव 22 जनवरी को होगा। इसे लेकर दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशक ने पत्र जारी कर दिया है। गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्षों में से लाटरी से चुने जाने वाले नामित सदस्य को लेकर चल रहा असमंजस भी अब दूर हो गया है। सुरिंदर सिंह दारा का नाम घोषित कर दिया गया है। नामित सदस्यों का चयन नहीं होने से कार्यकारिणी के गठन में देरी हो रही थी।
लाटरी से चुने जाने वाले दो सदस्यों के नाम पर विवाद था। दो सदस्यों के लिए लाटरी से पांच नाम निकाले गए थे, लेकिन इन सभी नामों पर आपत्ति थी। सत्यापन के बाद गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने गुरुद्वारा सिंह सभा सफदरजंग एनक्लेव के अध्यक्ष महिंदर सिंह को नामित सदस्य घोषित किया था। अन्य चार नामों का सत्यापन नहीं हो सका था। सभी मृत बताए गए थे। दूसरे थी सदस्य के चुनाव के लिए पांच जनवरी को फिर से निर्वाचित सदस्यों की बैठक हुई जिसमें लाटरी से गुरुद्वारा सिंह सभा, शंकर विहार के अध्यक्ष सुरिंदर सिंह दारा का नाम निकला था। लाटरी में नाम आने के बावजूद इनके नाम की घोषणा नहीं होने से असमंजस की स्थिति थी।
मंगलवार को डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना, हरविंदर सिंह सरना और मनजीत सिंह जीके के साथ निर्वाचित सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल गुरुद्वारा चुनाव निदेशक से मिला। मुलाकात के बाद सरना व जीके ने बताया कि निदेशक ने दारा के नाम की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि कमेटी के गठन की प्रक्रिया में बाधा डालने की पूरी कोशिश की गई है। कानूनी व सरकारी दांवपेच चलने के साथ ही सदस्यों को धमकी दी गई। लेकिन, आखिरकार संगत की जीत हुई है। कार्यकारिणी के गठन में अब कोई बाधा नहीं है।
सिख नेताओं से मुलाकात के कुछ देर बाद निदेशालय द्वारा कार्यकारिणी गठन के लिए बैठक बुलाने की घोषणा की गई। 22 जनवरी को अपराह्न 11.30 बजे गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब स्थित डीएसजीएमसी के सभागार में बैठक होगी। सबसे पहले सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। उसके बाद अध्यक्ष सहित पांच पदाधिकारियों और कार्यकारिणी का चुनाव होगा।