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परीक्षा के लिए छात्र कर रहें माथापच्ची, शिक्षक कोरोना डयूटी में व्यस्त होने की बता रहे मजबूरी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं की टर्म 1 की परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर में होनी हैं जिसे लेकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कई छात्रों का कहना है कि उन्हें रोज शिक्षकों से माथापच्ची करनी पड़ती हैं कि वो स्कूलों में कब पढ़ाने आएंगे।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 03:52 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 03:52 PM (IST)
परीक्षा के लिए छात्र कर रहें माथापच्ची, शिक्षक कोरोना डयूटी में व्यस्त  होने की बता रहे मजबूरी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं की टर्म 1 की परीीक्षाए प्रस्तावित। प्रतिकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली [रीतिका मिश्र] । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं की टर्म 1 की परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर में होनी हैं, जिसे लेकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कई छात्रों का कहना है कि उन्हें रोज शिक्षकों से माथापच्ची करनी पड़ती हैं कि वो स्कूलों में कब पढ़ाने आएंगे। उनके मुताबिक जब भी वो शिक्षकों को मैसेज कर स्कूल आकर पढ़ाने की मांग करते हैं तो वे कोरोना ड्यूटी में होने की मजबूरी बताते हैं।

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छात्रों के मुताबिक उनकी इस सत्र की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हुई है। उनका 10 फीसद पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हुआ है। हाल ही में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के उप जिला अधिकारी को परिपत्र जारी कर मांग की थी जो भी शिक्षक नौवीं से 12वीं के छात्रों को पढ़ाते हैं और उनके जिले में कोरोना ड्यूटी कर रहे हैं उन्हें तत्काल कार्यमुक्त किया जाए ।

झंडेवाला स्थित एक सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षक ने बताया कि वह जून 2020 से कोरोना ड्यूटी कर रहे हैं। पहले चालान काटने का कार्य करते थे, लेकिन अप्रैल 2021 से आक्सीजन की आडिट का कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि वो रोजाना सुबह नौ बजे घर से निकलते हैं और रात सात बजे घर पहुंचते हैं। कई बार सुबह जल्दी स्कूल पहुंच कर पढ़ा देते हैं तो कई बार छात्रों को उनके विषय से संबंधित सामग्री आनलाइन भेज देते हैं। फिर भी छात्रों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई है।

  • मैं खिचड़ीपुर स्थित एक सरकारी स्कूल में पढ़ता हूं। जबसे स्कूल खुले हैं तबसे विज्ञान विषय के शिक्षक सिर्फ एक या दो बार ही स्कूल में पढ़ाने आए हैं। उनका कहना है कि वो कोरोना ड्यूटी कर रहे हैं तो पढ़ाने नहीं आ सकते। स्कूल में उनकी जगह सामाजिक विज्ञान या गणित के शिक्षक कक्षा लेने आते हैं, लेकिन वो भी विज्ञान की बजाय अपना विषय पढ़ाते हैं। सीबीएसई की टर्म 1 की परीक्षा में इस बार विज्ञान का 50 फीसद पाठ्यक्रम पूछा जाना है और अभी तक केवल एक ही चैप्टर पढ़ाया गया है। मेरे सहपाठियों को डर है कि कहीं वो विज्ञान की परीक्षा में फेल न हो जाएं। सागर, छात्र कक्षा 10
  • शिक्षा विभाग के अधिकारियों और प्रधानाचार्यों के अनुरोध के बाद भी हजारों शिक्षक आज भी कोरोना ड्यूटी कर रहे हैं। छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पा रहा है। कक्षाओं में छात्र शिक्षक की राह ताकते रहते हैं। वहीं, शिक्षकों को उद्यमिता, हैप्पीनेस और देशभक्ति की कक्षा समेत अन्य तरह की गतिविधियों की अनिवार्यता के कारण अपने विषय का पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए समय ही नहीं मिलता। छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार को शिक्षकों को स्कूल में भेज कर सिर्फ बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करानी चाहिए। अजय वीर यादव, महासचिव, जीएसटीए (राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ)

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