Delhi: रानी झांसी फ्लाईओवर के निर्माण में 546 करोड़ रुपये का हुआ घपला: आप
आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि रानी झांसी फ्लाईओवर निर्माण में 546 करोड़ का घपला हुआ है। उत्तरी नगर निगम ने 175 करोड़ के इस फ्लाईओवर का निर्माण 724 करोड़ में कराया है। दिल्ली सरकार ने शास्त्रीपार्क फ्लाईओवर का निर्माण ढाई सौ करोड़ में ही करा दिया।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि रानी झांसी फ्लाईओवर निर्माण में 546 करोड़ का घपला हुआ है। भाजपा शासित उत्तरी नगर निगम ने 175 करोड़ के इस फ्लाईओवर का निर्माण 724 करोड़ में कराया है। वहीं दिल्ली सरकार ने 302 करोड़ के शास्त्रीपार्क फ्लाईओवर का निर्माण ढाई सौ करोड़ में ही करा दिया।
आप के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर निगम की आडिट रिपोर्ट दिखाई। पाठक ने कहा भाजपा ने सरकारी एजेंसी के बजाय पार्टी के नेताओं और स्थानीय अभियंताओं से जमीन का अधिग्रहण कराया। लगभग 10 करोड़ रुपये बिना किसी अनुमति के खर्च किए।
इस फ्लाईओवर के निर्माण का निर्णय 1995 में लिया गया था, लेकिन 2018 में तैयार हुआ। इसके निर्माण का जब फैसला लिया गया तो टेंडर की लागत 175 करोड़ तय की गई थी, लेकिन बनते-बनते लागत 724 करोड़ पहुंच गई। इस हिसाब से भाजपा ने लगभग 549 करोड़ रुपये अधिक लगाए। 54 पन्नों की इस आडिट रिपोर्ट में 70 आपत्तियां जताई गई हैं।
इसमें एक में कहा गया है कि इस जमीन के बीच में एक धार्मिक स्थान सरकारी जमीन पर था। उसका जब अधिग्रहण किया गया तो अभिषेक गुप्ता नाम के एक व्यक्ति को 26 करोड़ रुपये दिए गए। ये अभिषेक गुप्ता कौन हैं, इसकी जानकारी अब तक किसी को मिल नहीं सकी है।
उधर उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने आप के प्रवक्ता दुर्गेश पाठक द्वारा रानी झांसी फ्लाईओवर के निर्माण में लगाए गए घोटाले के आरोपों को निराधार बताया है। साथ ही दिल्ली सरकार पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की वजह से रानी झांसी फ्लाईओवर के निर्माण में देरी हुई थी।
दिल्ली में पहले कांग्रेस की सरकार थी फिर आप की सरकार ने रानी झांसी फ्लाईओवर के निर्माण में सहयोग नहीं दिया और फंड भी नहीं दिया। इसके अलावा दिल्ली सरकार द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र देने में भी देरी की थी।
वहीं भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि अगर सरकार देरी की वजह से लागत में वृद्धि को भ्रष्टाचार मानती है? तो बताए कि दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले सिग्नेचर ब्रिज की लागत वृद्धि को क्या मानती है।