दिल्ली दंगा : दंगे के भगोड़े आरोपितों को कोर्ट ने नहीं दी कोई राहत
आरोपितों ने इस मामले में गलत फंसाने का आरोप लगाते हुए भगोड़ा घोषित करने के नोटिस को रद करने की मांग करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट में पुनर्विचार अर्जी दायर की थी। इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। दिल्ली दंगे के एक मामले में दो भगोड़े आरोपितों को कड़कड़डूमा कोर्ट ने किसी तरह की राहत नहीं दी। दोनों को भगोड़ा घोषित करने को लेकर जारी नोटिस को सत्र न्यायालय ने बरकरार रखा है। इसके साथ ही आरोपितों के आचरण व तथ्यों को देखते हुए उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए उनसे पूछताछ की जरूरत है।
दंगे में जाफराबाद इलाके में भीड़ ने पुलिस वाहन को पहुंचाया था नुकसान
गत वर्ष फरवरी में दंगे के दौरान जाफराबाद इलाके में यमुना विहार मार्ग घोंडा चौक गली नंबर-आठ के पास दंगाई भीड़ ने पुलिस के वाहनों को नुकसान पहुंचाया था। पुलिस कर्मियों पर पथराव किया था। इस मामले में हेड कांस्टेबल सत्यपाल की शिकायत पर मुकदमा दर्ज हुआ था।
सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर पुलिस ने कोर्ट में दाखिल किया जवाब
इस मामले की जांच में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और पांच गवाहों के आधार पर आरोपित हाजी इस्लाम और चांद बाबू उर्फ सलमान की पहचान की गई थी। पुलिस ने कोर्ट के समक्ष दावा किया था कि इन आरोपितों को पकड़ने के कई प्रयास किए गए, लेकिन वह चकमा देकर भागते रहे। पुलिस की अर्जी पर पहले कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। फिर महानगर दंडाधिकारी के कोर्ट ने उनको भगोड़ा घोषित करते हुए नोटिस जारी किया था। आरोपितों ने इस मामले में गलत फंसाने का आरोप लगाते हुए भगोड़ा घोषित करने के नोटिस को रद करने की मांग करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट में पुनर्विचार अर्जी दायर की थी। इसके साथ ही अग्रिम जमानत अर्जी भी दायर की थी। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपितों की दोनों अर्जियों को खारिज कर दिया।