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Delhi Riots: ताहिर हुसैन व अन्य के खिलाफ दायर तीन आरोप पत्र पर कोर्ट ने लिया संज्ञान

कोर्ट ने राहुल सोलंकी की हत्या में दायर आरोप पत्र में आरोपितों पर लगे आरोपों को पहली नजर में सही पाया है। साथ ही कहा है जो सुबूत हैं उसके अनुसार दंगे के दौरान आरोपित शिव विहार तिराहे पर मौजूद थे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 07:03 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 07:43 AM (IST)
Delhi Riots: ताहिर हुसैन व अन्य के खिलाफ दायर तीन आरोप पत्र पर कोर्ट ने लिया संज्ञान
आप के निलंबित पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की फाइल फोटो

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे में अलग-अलग दायर तीन आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है। दो आरोप पत्र में आप के निलंबित पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन व अन्य आरोपित हैं। जबकि तीसरा आरोप पत्र दंगे में मारे गए राहुल सोलंकी की हत्या से जुड़ा है। मुख्य महानगर दंडाधिकारी पुरुषोत्तम पाठक ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं।

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पहले आरोप पत्र में ताहिर हुसैन, लियाकत अली, रियासत अली, शाह आलम, मुहम्मद शादाब, खालिद सैफी व अन्य आरोपित हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ आइपीसी की धारा 147, 148, 149, 186, 395, 353, 426 और 452 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। जबकि दूसरे आरोप पत्र में ताहिर हुसैन, तनवीर मलिक, रियासत अली, लियाकत अली, कासिम, शाह आलम व अन्य आरोपित हैं। कोर्ट ने इन दोनों ही मामलों में आइपीसी की धारा 153 और 505 पर संज्ञान नहीं लिया।

कोर्ट ने राहुल सोलंकी की हत्या में दायर आरोप पत्र में आरोपितों पर लगे आरोपों को पहली नजर में सही पाया है। साथ ही कहा है जो सुबूत हैं उसके अनुसार दंगे के दौरान आरोपित शिव विहार तिराहे पर मौजूद थे। बता दें शिव विहार तिराहे पर गत 24 फरवरी को राहुल सोलंकी को गोली लगी थी, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में सलमान, अनीस कुरैशी, सिराजुद्दीन, मुहम्मद फुरकान, सोनू सैफी, मुहम्मद आरिफ और मुहम्मद इरशाद के खिलाफ केस दर्ज किया था। कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों ने गवाही दी है उससे जाहिर होता है 24 फरवरी को शिव विहार में दंगा हुआ था, वहां पर दंगाइयों ने धार्मिक नारेबाजी व पत्थरबाजी के साथ ही कई दुकानों व घरों को आग लगा दी। इसी दंगे में राहुल सोलंकी की हत्या हुई थी।

कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की धारा 34, 120, 144, 147, 148, 149, 302, 427, 436,और 380,पर संज्ञान लिया। लेकिन कोर्ट ने धारा 295ए और 253ए पर संज्ञान नहीं लिया। जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि सक्षम प्राधिकारी को एक पत्र भेजा गया है, लेकिन अभी साफ नहीं है अभियोजन के लिए स्वीकृति मिलने में कितना वक्त लगेगा।

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