दिल्ली दंगा: रणनीति के तहत मस्जिदों के पास बनाए गए थे धरनास्थल
दिल्ली दंगे की साजिश मामले में आरोपित उमर खालिद की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष ने गंभीर आरोप लगाए हैं। विशेष लोक अभियोजक ने कड़कड़डूमा कोर्ट में कहा कि सोची समझी रणनीति के तहत 25 मस्जिदों के पास धरना प्रदर्शन के लिए जगह निर्धारित की गई थी।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। दिल्ली दंगे की साजिश मामले में आरोपित उमर खालिद की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष ने गंभीर आरोप लगाए हैं। विशेष लोक अभियोजक ने कड़कड़डूमा कोर्ट में कहा कि सोची समझी रणनीति के तहत 25 मस्जिदों के पास धरना प्रदर्शन के लिए जगह निर्धारित की गई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की कोर्ट में विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि धार्मिक महत्व को देखते हुए धरनास्थल बनाए गए थे, लेकिन उसे धर्मनिरपेक्ष दिखाने का प्रयास किया गया।
विशेष लोक अभियोजक ने उदाहरण देते हुए कहा कि श्रीराम कालोनी में हुआ धरना प्रदर्शन नूरानी मस्जिद के पास था। इसी तरह सदर बाजार के प्रदर्शन का स्थान शाही ईदगाह के पास था। उन्होंने कहा कि विरोध स्थलों के पास छिपे हुए तत्वों के रूप में पीएफआइ की तरह कई संस्थाएं काम कर रही थीं।
अभियोजक ने कहा कि जामिया जागरूकता अभियान दल (जेएसीटी) का उद्देश्य सीएए व एनआरसी के बारे में गलत सूचनाएं फैलाना और एक समुदाय को उकसाना था। साथ ही महिलाओं और बच्चों को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित करना था। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक धारणा यही थी कि उमर खालिद एक नास्तिक है और जेएनयू में पढ़ रहा है। सवाल यह है कि ऐसे में वह जेएनयू के एक मुस्लिम समूह में क्यों शामिल हुआ।