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Delhi Riots 2020: दंगाईयों ने दंगे को अंजाम देने के लिए इलाकों के सीसीटीवी कैमरे भी तोड़े थे

दिल्ली दंगे की साजिश से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कड़कड़डूमा कोर्ट में दूसरा पूरक आरोपपत्र दायर किया है जिसमें यह बताया गया है कि दंगे को अंजाम देने के लिए इलाकों के सीसीटीवी कैमरे तोड़े गए।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 12:21 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 02:40 PM (IST)
Delhi Riots 2020: दंगाईयों ने दंगे को अंजाम देने के लिए इलाकों के सीसीटीवी कैमरे भी तोड़े थे
दिल्ली में दंगे के दौरान दंगाईयों ने सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए थे जिससे साबूत न मिल पाएं।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली दंगे की साजिश से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कड़कड़डूमा कोर्ट में दूसरा पूरक आरोपपत्र दायर किया है, जिसमें यह बताया गया है कि दंगे को अंजाम देने के लिए इलाकों के सीसीटीवी कैमरे तोड़े गए।

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कुछ कैमरों का मुंह मोड़ा गया और कई जगहों पर कपड़ा डाल दिया गया। ताकि दंगाइयों की हरकतें तीसरी आंख में कैद न हो सकें। ऐसा कर साक्ष्यों को खत्म करने का प्रयास किया गया। स्पेशल सेल ने अपनी बात को क्रमवार समझाने के लिए पहली बार एनिमेशन का प्रयोग किया है। 

स्पेशल सेल ने जाफराबाद के आसपास तीन किलोमीटर इलाके में लगे तीन दर्जन से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखने और उनका विश्लेषण करने के बाद दूसरा आरोपपत्र तैयार किया है। विश्लेषण के दौरान उन्होंने पाया कि किस तरह से लाठी, डंडे, लोहे की छड़ से लैस दंगाइयों के एक समूह ने चंद बाग से लेकर मुस्तफाबाद के सभी इलाकों में घूम कर पहले रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरों को तोड़ा।

आरोपपत्र में जिक्र किया है कि कई फुटेज में दंगाई कैमरों की दिशा बदलते और उनके ऊपर कपड़ा डालते हुए दिखाई दे रहे हैं। उनके ऐसा करने के कुछ ही देर बाद दंगे भड़के। रूट मैप के जरिये स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है कि जिन इलाकों में सीसीटीवी कैमरों को नष्ट किया गया, वहीं दंगे हुए। 

इसे आधार बनाते हुए स्पेशल सेल ने इस बात पर जोर दिया है कि दंगे अचानक नहीं हुए। व्यवस्थित तरीके से दंगे कराए गए। यह दावा किया है कि दंगे भड़काने की साजिश रचने वालों को पहले से सीसीटीवी कैमरों की लोकेशन के बारे में पता था, जिसे खराब करने की योजना भी बनाई गई थी। 

आरोपपत्र में यह आरोप लगाया गया है कि नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद तुरंत बाद जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने विरोध के लिए देशव्यापी अभियान चलाकर एक समान विचार वाले लोगों को इकट्ठा किया। इसके लिए मुस्लिम ग्रुप आफ जेएनयू (एमएसजे) बनाया। जेएनयू छात्र शरजील इमाम ने दंगे कराने में बड़ी भूमिका अदा की है। वह दूर बैठ कर गतिविधियों को नियंत्रित करता रहा।

इस मामले में दंगे के मुख्य आरोपित व आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन, पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य देवांगना कलीता, नताशा नरवाल, पूर्व पार्षद इशरत जहां, सफूरा जरगर समेत 18 आरोपित है। बता दें, दिल्ली दंगे में नाम आने के बाद ताहिर हुसैन को आप निलंबित कर दिया था। 


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