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दिल्ली दंगा : सुरक्षा कारणों से आरोपित को जेल में फीते वाले जूते मंगवाने की नहीं मिली इजाजत

अर्जी में कोर्ट को बताया था कि चप्पल पहनने से उसके पैरों की उंगलियां सूज गई हैं। तकलीफ से राहत पाने के लिए जूते चाहिए। जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर मंगलवार को इस कोर्ट ने आरोपित को स्पष्ट मना कर दिया कि इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 07:10 AM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 08:58 AM (IST)
दिल्ली दंगा : सुरक्षा कारणों से आरोपित को जेल में फीते वाले जूते मंगवाने की नहीं मिली इजाजत
अर्जी में कोर्ट को बताया था कि चप्पल पहनने से उसके पैरों की उंगलियां सूज गई हैं।

नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। खजूरी खास इलाके में दंगे के दौरान हुई हिंसा के मामले में एक आरोपित को कड़कड़डमूमा कोर्ट ने स्वजन से जेल में फीते वाले जूते मंगवाने की इजाजत देने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि जेल की सुरक्षा के लिए आरोपित की इस तरह की मांग को पूरा नहीं किया जा सकता।

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खजूरी खास इलाके में दंगाइयों ने गत वर्ष 24 फरवरी को उपद्रव किया था। वहां एक पार्किंग में आग लगा दी थी। बीट कांस्टेबल संग्राम सिंह ने इस मामले में शिकायत की थी। इस मामले में आरोपित गुलफाम उर्फ वीआइपी न्यायिक हिरासत में है। उसने मुख्य महानगर दंडाधिकारी दिनेश कुमार की कोर्ट में अर्जी दायर कर स्वजन से जेल में फीते वाले जूते मंगाने की गुहार लगाई थी।

अर्जी में कोर्ट को बताया था कि चप्पल पहनने से उसके पैरों की उंगलियां सूज गई हैं। तकलीफ से राहत पाने के लिए जूते चाहिए। जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर मंगलवार को इस कोर्ट ने आरोपित को स्पष्ट मना कर दिया कि जेल में उसे फीते वाले जूते मंगवाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

इस मामले में गुलफाम उर्फ वीआइपी के अलावा दंगे के मुख्य आरोपित एवं आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन, उमर खालिद समेत 16 आरोपित हैं। शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि ताहिर हुसैन के घर से पार्किंग की तरफ आगजनी के लिए बोतलें फेंकी गई थीं। बता दें कि दंगे में नाम आने के बाद ताहिर हुसैन को आप ने निलंबित कर दिया था।

जेल में इन्हेलर मंगाने की अनुमति दी

दंगे के दौरान गोकलपुरी इलाके में हुई हिंसा के मामले में आरोपित दिनेश यादव उर्फ माइकल की अर्जी को स्वीकार करते हुए मुख्य महानगर दंडाधिकारी की कोर्ट ने उसे जेल में अस्थमा इन्हेलर मंगवाने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने जेल अधीक्षक को इस बारे में निर्देश भी जारी किया है। साथ ही आरोपित को कहा गया है कि इन्हेलर मिलने पर वह उसकी जानकारी कोर्ट को दे।


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