दिल्ली दंगा : पुलिस के गवाह की विश्वसनीयता पर कोर्ट ने जताया संदेह
गत वर्ष 25 फरवरी को दयालपुर इलाके में एक दवा की दुकान में चोरी तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में आरोपित आजाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। उसी दिन इस क्षेत्र के चमन पार्क में घर दुकान और गोदाम में तोड़फोड़ और आगजनी के चार अन्य मामले दर्ज हुए थे।
नई दिल्ली, आशीष गुप्ता। Delhi violence: दिल्ली दंगे के छह मामलों में कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma court) ने बुधवार को तीन आरोपितों को जमानत दी है। इनमें से एक आरोपित आजाद को अकेले पांच मामलों में जमानत मिली है। उसे जमानत देते हुए कोर्ट ने आदेश में पुलिस के गवाह की विश्वसनीयता पर संदेह जताया है। कहा है कि पुलिस कर्मी ने हिंसा वाले दिन न पीसीआर को सूचित किया और न ही अपने उच्चाधिकारियों को उसकी जानकारी दी।
25 फरवरी को दयालपुर इलाके में हिंसा मामले में हुई थी हिंसा
गत वर्ष 25 फरवरी को दयालपुर इलाके में एक दवा की दुकान में चोरी, तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में आरोपित आजाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। उसी दिन इस क्षेत्र के चमन पार्क में घर, दुकान और गोदाम में तोड़फोड़ और आगजनी के चार अन्य मामले दर्ज हुए थे। उनमें भी आजाद आरोपित है।
पांचों मामलों में जमानत के लिए लगाई अर्जी
इन पांचों मामलों में जमानत के लिए उसने अर्जी लगाई थी। बुधवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनाेद यादव की अदालत में सभी अर्जियों पर सुनवाई हुई। आरोपित के वकील दिनेश तिवारी ने पक्ष रखा कि आजाद को गलत तरीके से फंसाया गया है। उसके खिलाफ झूठे गवाह खड़े किए गए हैं। अभियोजन पक्ष के वकील ने जमानत अर्जियों का विरोध किया।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दी जमानत
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आजाद को पांचों मामलों में जमानत दे दी। इसके अलावा दंगे के दौरान दयालपुर इलाके में कार शोरूम में तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में इस कोर्ट ने आरोपित असरार और इमरान को जमानत दी है।
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