Delhi Pollution: प्रदूषण में सुधार के लिए तकनीक बनेगी हथियार, कार्ययोजना हो रही तैयार
Delhi Pollution News लॉकडाउन से बाहर निकलने के क्रम में निर्माण कार्य व अन्य गतिविधियां बढ़ेंगी तो वायु प्रदूषण में भी इजाफा होना स्वाभाविक ही है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि लॉकडाउन के कारण दिल्ली-एनसीआर में जिस तरह से वायु प्रदूषण में सुधार हुआ, वह स्थिति लॉकडाउन के बाद आगे भी बनी रहेगी, यह सोचना सही नहीं है। हालांकि, यहां वायु प्रदूषण की वर्ष भर बनी रहने वाली समस्या पर नियंत्रण के लिए तकनीक का प्रयोग कर सतत प्रयास किया जाएगा, ताकि प्रदूषण को सुरक्षित सीमा तक नियंत्रित किया जा सके। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है, साथ ही प्रदूषण नियंत्रण कार्यालयों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
दैनिक जागरण द्वारा आयोजित ई- राउंड टेबल में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली-एनसीआर में सभी गतिविधियां बंद थीं। न उद्योग-धंधे चल रहे थे और न ही सड़कों पर वाहन थे, निर्माण कार्य भी बंद पड़ा हुआ था, लेकिन ऐसे हमेशा लॉकडाउन कर सबकुछ बंद कर नहीं रखा जा सकता। लॉकडाउन धीरे-धीरे खोला जा रहा है। अब यहां उद्योग चलेंगे, सड़कों पर वाहन भी दौड़ेंगे।
लॉकडाउन से बाहर निकलने के क्रम में निर्माण कार्य व अन्य गतिविधियां बढ़ेंगी तो वायु प्रदूषण में भी इजाफा होना स्वाभाविक ही है। इन गतिविधियों को रोका नहीं जा सकता, लेकिन केंद्र सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा तय नियमों का कड़ाई से पालन कर इसे नियंत्रित जरूर किया जा सकता है। यही नहीं, वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए तकनीक के बेहतर इस्तेमाल को लेकर भी योजना बनाई जा रही है। प्रदूषण पर नियंत्रण एक दिन का काम नहीं है, इसपर लगातार काम करने की जरूरत है और पूरी उम्मीद है कि इस तरह से इसे नियंत्रित कर लिया जाएगा।
हरियाणा, पंजाब व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खेतों में पराली जलाए जाने से सर्दी के दिनों में दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर हर साल बढ़ जाता है, इसे लेकर जावडेकर का कहना था कि पराली से ऊर्जा उत्पादन की योजना पर काम चल रहा है। डेढ़-दो साल में इसपर अमल शुरू हो जाएगा, जिसके बाद किसान पराली जलाने के बजाय काटने लगेंगे। किसान पराली जलाने के बजाय उसे काटें, इसके लिए उन्हें मुआवजा और उपकरण दोनों ही उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या से कब तक निजात मिल जाएगी? पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इसपर कोई समय सीमा तय कर पाना ठीक नहीं होगा, लेकिन अब तक किए गए प्रयासों से इसे कम करने में सफलता मिल रही है। सीपीसीबी इसके लिए तकनीक के बेहतर इस्तेमाल को लेकर योजनाएं बना रहा है।