सुशील कुमार और नवनीत कालरा को झटका, पुलिस ने निलंबित किए हथियारों के लाइसेंस
संयुक्त पुलिस आयुक्त (लाइसेंसिंग) ने कहा हमने सुशील कुमार और नवनीत कालरा के शस्त्र लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए हैं। उन्हें यह बताने के लिए नोटिस दिया गया था कि उनके लाइसेंस रद्द क्यों न रद कर दिया जाए।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में फंसे ओलंपियन सुशील कुमार की पिस्टल का लाइसेंस दिल्ली पुलिस के लाइसेंसिंग विभाग ने निलंबित कर दिया है। इसके अलावा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी मामले में फंसे रेस्तरां कारोबारी नवनीत कालरा की पिस्टल का भी लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। दोनों को नोटिस जारी कर विभाग ने पूछा है कि उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर क्यों न उनके हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएं?
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दोनों को जवाब दाखिल करने के लिए एक माह का समय दिया गया है। निर्धारित समय तक जवाब मिलने अथवा नहीं मिलने पर उनके लाइसेंस को रद्द कर दिया जाएगा।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक 2012 में सुशील कुमार ने एक पिस्टल का लाइसेंस लिया था। चार मई को पहलवान सागर धनखड़ की हत्या से जुड़े मामले में पुलिस जब सुशील कुमार की तलाश में उसके बापरौला स्थित आवास पर गई और सुशील के पिस्टल के बारे में उसके घरवालों से पूछताछ की। पुलिस ने पिस्टल और उससे संबंधित लाइसेंस की कॉपी की मांग की तो परिजनों ने सुशील की पिस्टल और उससे जुड़े लाइसेंस पुलिसकर्मियों को सौंपने से मना कर दिया।
पुलिस का कहना है कि छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में गत चार मई की रात सागर धनखड़ समेत जिन अन्य पहलवानों की सुशील व उसके साथ आए बदमाशों ने पिटाई क। घटना में अगर सागर की मौत नहीं होती तब सुशील की उल्टा उन्हीं लोगों को झगड़े में फंसाने की तैयारी थी। इसलिए वारदात के बाद सुशील स्टेडियम में ही बने अपने फ्लैट में जाकर सो गया था। सुबह उठकर उसने स्टेडियम से जुड़े एक कर्मचारी को फोन कर उसे रात में हुई घटना के बारे में जानकारी मांगी और माडल टाउन थाने जाकर सागर, सोनू व अन्य के खिलाफ झगड़ा करने की शिकायत दे आने को कहा था।
कर्मचारी जब मॉडल टाउन थाने पहुंचा तो पता चला कि सागर धनखड़ जिसके खिलाफ वह शिकायत लेकर आया है वह मर चुका है। जिससे थाने से बाहर निकल उसने तुरंत सुशील को इसकी जानकारी दी।
सुशील में घटना के बाद सुशील ने ही अपने सहयोगी के जरिये काल करा दिया था। दूसरी काल सागर के साथी ने किया था। उस रात दो काल हुई थी। मौके पर थानाध्यक्ष भी पहुचे थे। उनकी भूमिका संदिग्ध है। पुलिस के मुताबिक सुशील को स्टेडियम में एक फ्लैट मिला हुआ है। वारदात के बाद वह यहीं आकर सो गया था। सुबह सागर की मौत का पता चलते ही उसने सबसे पहले कोठी पर लगे सभी कैमरों की फुटेज को नष्ट करने के लिए डीवीआर खोलकर अपने साथ लेकर भाग गया।
स्टेडियम में अलग-अलग लोकेशन पर करीब 10 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। डीवीआर लेकर वह एक इनोवा से अजय बक्करवाला और रोहित के साथ फरार हो गया था। रोहित को प्रशांत विहार छोड़ने के बाद दोनों हरिद्वार के लिए चले गए थे।बताया जाता है कि हरिद्वार व देहरादून में दो दिन रुकने के बाद वे दिल्ली, बहारदुरगढ़ होते हुए पंजाब के बठिंडा चला गया था। वहां छिपने में उन्हें काला पहलवान और उसके पहलवान भांजे ने मदद की थी। दोनों हनुमान अखाड़ा में ठहरे हुए थे। पुलिस की टीम पहले ही सुशील व अजय को साथ लेकर पंजाब में छापेमारी कर चुकी है। काला सुशील के पकड़े जाने के बाद से ही परिवार समेत फरार है। हनुमान अखाड़ा काला पहलवान ही चलाता है। काला के भांजे ने सुशील के लिए मोबाइल की व्यवस्था करके दी थी।