Delhi Bomb Blast: दिल्ली में आतंकी हमले की रची जा रही थी साजिश, चार आरोपित गिरफ्तार
Delhi Bomb Blast दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने केंद्रीय खुफिया एजेंसी व कारगिल पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए कारगिल से चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। ये सभी राजधानी में आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने केंद्रीय खुफिया एजेंसी व कारगिल पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए कारगिल से चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। ये सभी राजधानी में आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे। इन्हें ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जा रहा है। पुलिस को शक है कि जनवरी में इजरायली दूतावास के बाहर हुए धमाके में इनकी संलिप्तता थी। पुलिस अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों में नज़ीर हुसैन, जुल्फिकार अली वजीर, अयाज हुसैन व मुजम्मिल हुसैन है।
ये सभी थांग गांव, जिला कारगिल, लद्दाख के रहने वाले हैं। सभी छात्र बताए जा रहे हैं और इनमें कुछ आरोपित दिल्ली विश्वविद्यालय से भी पढाई की है। इजरायली दूतावास के बाहर ब्लास्ट से पहले चारों दिल्ली विश्वविद्यालय के पास स्थित विजय नगर में रहते थे। ब्लास्ट वाले दिन चारों ने अपने अपने मोबाइल बंद कर दिए थे और दिल्ली छोड़कर वापस लद्दाख चले गए थे। दिल्ली लाकर इनसे विस्तृत पूछताछ की जाएगी। पुलिस यह पता लगा रही है कि दिल्ली में ये कहां कहां ठहरे थे। इनके संपर्क में कौन काैन कौन लोग थे।
बता दें कि जनवरी में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित इजरायली दूतावास के बाहर फुटपाट पर बम धमाके की घटना ने दिल्ली पुलिस समेत सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी थी। दशतगर्द ने घटना से चंद मिनट पहले दूतावास के पास बने फुटपाथ की झांड़ियों में गुलाबी रंग के दुपटटे में लपेटकर बम रखा था। घटना के अगले दिन जैश उल हिंद नाम के संगठन ने इंटरनेट मीडिया के जरिए धमाके की जिम्मेदारी ली थी। उक्त मामले में दिल्ली पुलिस ने दो केस दर्ज किया था। एक धमाका करने व दूसरा धमाके की साजिश रचे जाने।
कई दिनों तक स्पेशल सेल को कोई सुराग नहीं मिलने पर मुख्य मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को ट्रांसफर कर दिया गया था। घटना की साजिश रचे जाने की जांच स्पेशल सेल कर रही है। बताया जाता है कि उसी मामले में फिलहाल चारों को गिरफ्तार किया गया है।
घटना के बाद पुलिस ने उस पूरे इलाके की सीसीटीवी फुटेज की जांच की की थी। साथ ही घटनास्थल के आसपास से 45000 मोबाइल नंबरों का डंप डाटा भी उठाया था। एफआरआरओ को भी पत्र लिखकर जानकारी मांगी थी कि उस दौरान इरान से कितने लोग भारत आए थे। उनके बारे में जानकारी जुटाई गई थी।
जिस जगह पर धमाका हुआ वहां आसपास के बंगले के अलावा कनाडा दूतावास, ब्राजील व इजरायल दूतावास के फुटेज भी खंगाले गए थे। सीसीटीवी फुटेज की जांच में टैक्सी सवार दाे युवकों की तस्वीरें मिली थी। बम एक कीप के आकार के गत्ते के बने स्टैक्चर में था। उसमें बाल बेयरिंग, लोहे की कील व कांच के टुकड़े थे। मौके पर एक लिफाफा भी मिला जिसपर केवल इजरायल के राजदूत का नाम लिखा हुआ था। बम के फटने से सड़क पर खड़ी तीन कारों के शीशें टूट गए थे।