छात्राओं को बहला फुसला दुष्कर्म करने वाला ट्यूटर गिरफ्तार, CBI ने रखा था 5 लाख का इनाम
नाबालिक छात्राओं से दुष्कर्म का आरोपित काफी पढ़ा लिखा है। 8 भाषाओं का जानकार है और वह वडोदरा में एक स्कूल में शिक्षक व प्रधानाचार्य भी रह चुका है।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सोलन (हिमाचल प्रदेश) से एक ऐसे सीरियल दुष्कर्मी को गिरफ्तार किया है जो वडोदरा (गुजरात) में ट्यूशन पढ़ाने के दौरान नाबालिग लड़कियों व युवतियों को बहला फुसला कर उनका यौन शोषण करता था। आरोपित का नाम धवल त्रिवेदी उर्फ मुख्तियार सिंह उर्फ सतनाम सिंह उर्फ सुरजीत है। वडोदरा के रहने वाले धवल की गिरफ्तारी पर सीबीआइ की मुंबई शाखा ने पांच लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था।
डीसीपी क्राइम ब्रांच मोनिका भारद्वाज के मुताबिक, 50 वर्षीय धवल थाने (महाराष्ट्र) का रहने वाला है। उसने गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद से अंग्रेजी में स्नातकोत्तर किया। उसके पिता वडोदरा स्थित एक कॉलेज में फिलोसफी के प्रोफेसर हैं। 1996 में धवल ने शादी की। कुछ महीने बाद ही पत्नी की मृत्यु हो गई। 1998 में इसने दूसरी शादी की। 1999 में उसे पुत्री हुई, जिसके बाद 2000 में वह पत्नी से कानूनी तौर पर अलग हो गया।
मिली जानकारी के मुताबिक, धवल काफी पढ़ा लिखा है। आठ भाषाओं का जानकार है। यह वडोदरा में एक स्कूल में शिक्षक व प्रधानाचार्य भी रह चुका है। यह पेशे से ट्यूटर है। वडोदरा में ड्यूशन पढाने के दौरान यह नाबालिग लड़कियों व युवतियों को बहला फुसला कर उनका यौन शोषण करने लगा। पहले नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने पर उसके खिलाफ राजकोट गुजरात में पॉस्को के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। उक्त मामले में उसे उम्रकैद की सजा मिली। अगस्त 2018 में पैरोल पर बाहर आने पर वह पैरोल जंप कर गया और 2019 में दोबारा युवती से दुष्कर्म करने पर गांधी नगर थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ।
इसके बाद नहीं पकड़े जाने पर गुजरात हाई कोर्ट ने केस सीबीआइ में ट्रांसफर कर दिया। सीबीआइ की मुंबई शाखा ने उसकी गिरफ्तारी पर पांच लाख रुपये का इनाम रख दिया। एसीपी संदीप लांबा व इंस्पेक्टर नीरज चौधरी की टीम को सूचना मिली कि वडोदरा में दुष्कर्म के कई मामले में लिप्त धवल इंडस्टि्रयल टाउन, बड्डी, सोलन, हिमाचल प्रदेश में वेशभूषा बदलकर नाम बदलकर रह रहा है।
एएसआइ संजीव कुमार आदि की टीम जब 12 सितंबर को वहां पहुंची तो पता चला कि धवल वहां फैक्ट्री में गार्ड की नौकरी करता था। दो दिन पहले ही उसने नौकरी छोड़ दी थी। पुलिस टीम ने काफी छानबीन के बाद उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह दो साल से गुरुद्वारा व रेलवे स्टेशनों के प्रतिक्षालय आदि जहां तहां छिपकर रहा। उसने यह भी बताया कि अपने जीवन का अनुभव बताने के लिए उसकी मंशा 'अपने जीवन की दस परिपूर्ण महिलाएं' नाम से किताब लिखने की है।
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