Mukesh Ambani Bomb Threat: दिल्ली पुलिस ने उठाया सवाल, जांच के लिए तिहाड़ क्यों नहीं आती मुंबई पुलिस
Mukesh Ambani Bomb Threat मुंबई पुलिस ने दोनों नंबर के आइपी एड्रेस को ट्रैक कर दावा किया कि उनमें से एक नंबर का इस्तेमाल तिहाड़ जेल से किया गया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को तिहाड़ में दिनभर जांच भी की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Mukesh Ambani Bomb Threat: देश-दुनिया के नामी उद्योगपतियों में शुमार मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित घर अंटीलिया के बाहर स्कार्पियो में जिलेटिन की 20 छड़ें मिलने के मामले के तार तिहाड़ जेल से जुड़ रहे हैं। जिस मोबाइल नंबर के इंटरनेट का इस्तेमाल कर टेलीग्राम चैनल के जरिये जैश-उल-हिंद ने विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी ली थी, वह नंबर तिहाड़ जेल का ही कोई कैदी इस्तेमाल कर रहा है। मुंबई पुलिस की इस सूचना के बाद स्पेशल सेल समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुट गई हैं।
वहीं, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी स्कार्पियो मिलने के मामले में मुंबई पुलिस को अगर तिहाड़ का कनेक्शन मिला तो पुलिस जांच करने तिहाड़ क्यों नहीं आई? मुंबई पुलिस को काफी सुबूत मिल चुके होंगे अगर उन्हें जैश उल हिंद संगठन के आतंकियों के तिहाड़ में बंद होने की जानकारी मिली तो दिल्ली आकर जांच करनी चाहिए। यह संगठन इजराइली ब्लास्ट के बाद से ही दिल्ली पुलिस के रडार पर है। अबतक की जांच से इस संगठन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। किसी भी सुरक्षा एजेंसी को इस संगठन के बारे में जानकारी नहीं है। इसका न तो किसी आतंकी संगठन से कनेक्शन मिला है और न ही कहीं से फंडिंग के बारे में जानकारी मिली है।
यहां पर बता दें कि जैश-उल-हिंद वही संगठन है, जिसने 29 जनवरी को दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास हुए धमाके की जिम्मेदारी ली थी। उक्त टेलीग्राम चैनल का आइपी एड्रेस भी तिहाड़ में मिला था। इन दो बड़े मामलों के तार तिहाड़ जेल से जुड़ने के बाद इसकी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
25 फरवरी को स्कार्पियो में मिले थे विस्फोटक
25 फरवरी को अंटीलिया के बाहर खड़ी स्कार्पियो में विस्फोटक मिले थे। 26 फरवरी को जैश-उल-हंिदू ने टेलीग्राम चैनल (टेलीग्राम एप पर एक तरह का ग्रुप, जिसमें सिर्फ एडमिन पोस्ट डाल सकता है) के जरिये विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी ली थी। संगठन ने बिटक्वाइन की मांग की थी और नहीं देने पर परिवार के लोगों की जान खतरे में पड़ने की धमकी दी थी। हालांकि, 27 फरवरी को टेलीग्राम चैनल के जरिये जिम्मेदारी लेने से पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि वह इस तरह की हरकत नहीं करता है। उसे बदनाम करने के लिए भारतीय खुफिया एजेंसियां ऐसी हरकत करती हैं।