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दिल्ली पुलिस में तैनात सिपाही की पत्नी ने की आत्महत्या, इससे पहले बच्चों को किया गंभीर रूप से घायल

बताया जा रहा है कि आत्महत्या से पहले दिल्ली पुलिस में तैनात सिपाही की पत्नी ने अपने दोनों बच्चों को भी मारने की कोशिश की थी। फिलहाल दोनों बच्चे गंभीर हालत में दक्षिणी दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती हैं।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 12:40 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 12:40 PM (IST)
दिल्ली पुलिस में तैनात सिपाही की पत्नी ने की आत्महत्या, इससे पहले बच्चों को किया गंभीर रूप से घायल
सिपाही की पत्नी ने अपने दोनों बच्चों को भी मारने की कोशिश की।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस के सिपाही की पत्नी द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि आत्महत्या से पहले सिपाही की पत्नी ने अपने दोनों बच्चों को भी मारने की कोशिश की। फिलहाल दोनों बच्चे गंभीर हालत में फोर्टिस अस्पताल में भर्ती हैं। बृहस्पतिवार रात की घटना का पता शुक्रवार को सुबह चला। जागरण संवाददाता से मुताबिक,  सिपाही का परिवार घिटोरनी इलाके में रहता है, जबकि सिपाही वसंत विहार थाने में तैनात है। 

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पत्नी व दो बच्चों की हत्या कर डीटीसी चालक ने दी जान

इससे पहले रोहिणी इलाके में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बस चालक ने पत्नी व दो बेटों की गला रेतकर हत्या कर दी और खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें युवक ने पत्नी व बच्चों की हत्या करने की बात कही है। 

जानकारी के अनुसार 31 वर्षीय धीरज यादव पत्नी आरती (28), दो बेटे हितेन (6) व अथर्व (3) के साथ नाहरपुर गांव में रहता था। वह संविदा पर डीटीसी के रोहिणी डिपो-2 में बतौर चालक कार्यरत था। उसके पिता महा सिंह यादव व बड़े भाई नीरज भी परिवार के साथ एक ही मकान में अलग -अलग मंजिल पर रहते हैं। बताया जाता है कि धीरज नशे का आदी था। उसकी आदतों के कारण उसे परिवार के संयुक्त आमदनी में भी हिस्सा नहीं मिलता था। उसके दोनों बेटे भी दिव्यांग थे तो उसकी मां सुदेश भी मानसिक रूप से बीमार हैं। इसी बात को लेकर उसका परिवार के सदस्यों व पत्नी के साथ अक्सर विवाद होता रहता था। बुधवार की रात को भी उसका पहले पिता से फिर पत्नी से विवाद हुआ था। इसके बाद सभी लोग सोने चले गए थे।

जगाने गए पिता तो पता चला

धीरज को ड्यूटी पर जाने के लिए हर सुबह उसके पिता महा सिंह ही जगाते थे। गुरुवार की सुबह जब वह उसे जगाने के लिए गए तो कमरे से कोई आवाज नहीं आई। कमरा भी अंदर से बंद था। उन्होंने रोशनदान से झांक कर देखा तो धीरज को पंखे से चुन्नी के सहारे झूलते हुए पाया। उन्होंने शोर मचाकर अपने बड़े बेटे को भी बुलाया और मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने अंदर जाकर देखा तो धीरज की पत्नी व दोनों बेटे भी खून से लथपथ पड़े थे। पत्नी के गले, छाती व दोनों बेटे के गले पर चाकू से वार करने के निशान थे। उन्हें अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, जहां चारों को मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर लिया है।


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