दिल्ली पुलिस के सिपाहियों को मिलेगा एक समान वेतन, होंगे ये फयदे
गृह मंत्रालय ने न सिर्फ दिल्ली पुलिस की सुप्रीम कोर्ट में अपील की अर्जी को ठुकरा दिया, बल्कि साथ ही सभी सिपाहियों को समान वेतन देने का फरमान भी सुना दिया।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली पुलिस के सिपाहियों के वेतन में भेदभाव आखिरकार 12 साल बाद खत्म हो गया है। गृह मंत्रालय ने 2006 के पहले से नियुक्त सिपाहियों को भी इसके बाद नियुक्त सिपाहियों के समान वेतन देने का फैसला किया है। दरअसल एक जनवरी 2006 के बाद नियुक्त सिपाहियों को पुराने सिपाहियों की तुलना में लगभग 2000 हजार रुपये अधिक वेतन मिलता था, लेकिन दिल्ली पुलिस पुराने सिपाहियों को यह देने के लिए तैयार नहीं थी।
वेतन में असमानता के खिलाफ दिल्ली पुलिस के पुराने सिपाहियों ने तत्काल आपत्ति दर्ज कराई थी। लेकिन दिल्ली पुलिस ने सभी सिपाहियों का वेतन समान करने के बजाय सिर्फ उन्हीं विभागों में वेतन समान किया, जहां नए सिपाहियों की नियुक्ति हुई थी। इसके खिलाफ सिपाही बाबुलाल मिठरवाल ने कैट में अपील की।
2016 में कैट ने बाबुलाल के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद 150 से अधिक दूसरे सिपाही भी कैट पहुंच गए। लेकिन दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में अपील कर समान वेतनमान देने से मना कर दिया। अगस्त के अंत में हाईकोर्ट ने भी कैट के फैसले को मंजूरी दे दी।
सिपाहियों को समान वेतन नहीं देने पर अड़ी दिल्ली पुलिस हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की तैयारी में थी। इसके लिए बाकायदा गृह मंत्रालय से अनुमति भी मांगी गई। लेकिन दिल्ली पुलिस को अनुमति देने के बजाय गृह मंत्रालय ने सिपाहियों की जायज मांग पर विचार करना ज्यादा उचित समझा।
वित्त मंत्रालय से राय मशविरे के बाद गृह मंत्रालय ने न सिर्फ दिल्ली पुलिस की सुप्रीम कोर्ट में अपील की अर्जी को ठुकरा दिया, बल्कि साथ ही सभी सिपाहियों को समान वेतन देने का फरमान भी सुना दिया। जाहिर है गृह मंत्रालय के आदेश के बाद लगभग 13 सालों के बाद पुराने सभी सिपाहियों को नए सिपाहियों के बराबर वेतन मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें एक जनवरी 2006 के बाद से बचे हुए वेतन का एरियर भी मिलेगा।