दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा दुकानें तो खुलेंगी मगर करना होगा कोविड प्रोटोकाल का पालन, करने होंगे ये भी इंतजाम
ढील से बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकलेंगे और वाहनों की संख्या सड़कों पर बढ़ेगी। सीपी ने सभी डीसीपी को मार्केट समिति व आरडब्ल्यूए समेत अन्य की भागीदारी से बाजारों सब्जी मंडियों व इलाकों में शारीरिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सोमवार से राजधानी में लाकडाउन में ढील की घोषणा के बीच पुलिस आयुक्त (सीपी) एसएन श्रीवास्तव ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर पुलिस की तैयारियों का जायजा लिया। ढील से बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकलेंगे और वाहनों की संख्या सड़कों पर बढ़ेगी। ऐसे में कोविड सुरक्षा मानदंडों को लागू कराना पुलिस के सामने बड़ी चुनौती रहेगी। इसे देखते हुए सीपी ने सभी डीसीपी को मार्केट समिति व आरडब्ल्यूए समेत अन्य की भागीदारी से बाजारों, सब्जी मंडियों व इलाकों में शारीरिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि दुकान मालिकों को कोविड प्रोटोकाल सुनिश्चित करना होगा। उन्हें सैनिटाइजर डिस्पेंसर लगाने होंगे और यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक शारीरिक दूरी बनाए रखें। इस संबंध में दिल्ली आपदा नियंत्रण प्राधिकरण (डीडीएमए) के दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए। आयुक्त ने यह भी निर्देश दिए कि साप्ताहिक बाजार खुले मैदान में लगें, जहां रेहड़ी विक्रेता एक दूसरे से पर्याप्त दूरी पर हों।
उन्होंने आगामी अनलाक प्रक्रिया के मद्देनजर राजधानी में कानून व्यवस्था और अपराध की स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने सभी जिले के डीसीपी को सड़कों पर होने वाले अपराध व उसके निवारक उपायों पर ध्यान देने का निर्देश दिया, क्योंकि लाकडाउन में ढील के बाद अपराध बढ़ने की आशंका है। अंतरिम जमानत और पैरोल पर रिहा हुए अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए। आयुक्त ने एकीकृत शिकायत निगरानी प्रणाली (आइसीएमएस) पर आने वाली शिकायतों की स्थिति की भी जांच की। उन्होंने नागरिकों तक त्वरित कार्रवाई और सूचना प्रवाह द्वारा शिकायतों के त्वरित निपटान पर जोर दिया क्योंकि शिकायतों का तेजी से निवारण पुलिस का प्राथमिक कार्य है।
आयुक्त ने दिल्ली पुलिस की युवा योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को चिकित्सा देखभाल में प्रशिक्षित करने के लिए कई जिलों द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोविड के समय में पीडि़त के स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे समय मे चिकित्सा कर्मचारियों की भारी आवश्यकता होती है। आयुक्त ने पर्यवेक्षी अधिकारियों से इसे और विस्तारित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि ऐसे कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था करके दोहरे उद्देय-युवाओं का रोजगार और कोविड स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की उपलब्धता को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने सभी डीसीपी और अधिकारियों को मृतक पुलिस कर्मियों के स्वजन को मुआवजा पैकेज देने का भी निर्देश दिया और कहा कि अधिकारी व्यक्तिगत रूप से परिवार के सदस्यों को चेक वितरित करें।