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India-China Tension: कारोबार के क्षेत्र में चीन को टक्कर देने के लिए सरकार की सहायता की दरकार

कारोबारी कहते हैं कि ग्राहकों में देसी उत्पादों की मांग काफी है। चीन के प्रति नाराजगी के चलते लोग अधिक पैसे में भी देसी उत्पाद खरीदना चाहते हैं पर बाजार में सामानों की पूरी श्रृंखला उपलब्ध नहीं है या उपलब्धता सीमित है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 07:48 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 07:50 AM (IST)
India-China Tension: कारोबार के क्षेत्र में चीन को टक्कर देने के लिए सरकार की सहायता की दरकार
राजधानी दिल्ली में एक मार्केट की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। चीन-भारत बॉर्डर पर महीनों से तनातनी के बीच दीपावली के त्योहार पर चीन के बने उत्पादों के चंगुल से बाहर निकलने की भागीरथ पैलेस में छटपटाहट दिख रही है। बात जब भी चीनी उत्पादों को टक्कर देने की होती है तब ध्यान एशिया के बड़े बिजली के सामान के बाजारों में शामिल भागीरथ पैलेस पर चला जाता है। पांच हजार से अधिक थोक दुकानों वाले इस बाजार पर दीपावली के उत्पादों के मामले में हाल के वर्षों में तकरीबन 80 फीसद तक चीनी उत्पादों का कब्जा रहा है। चीन के साथ जब से बॉर्डर पर युद्ध जैसी स्थिति है तब से इस बाजार में चीन के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। दुकानदारों ने चीनी उत्पादों को ऑर्डर देना काफी कम कर दिया है, पर बात इतने से खत्म नहीं होती है।

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कारोबारी कहते हैं कि ग्राहकों में देसी उत्पादों की मांग काफी है। लोग अधिक पैसे में भी देसी उत्पाद खरीदना चाहते हैं, पर बाजार में सामानों की पूरी श्रृंखला उपलब्ध नहीं है या उपलब्धता सीमित है। वैसे, हाल के वर्षों में कुछ देसी उत्पाद भी बाजार में जगह बनाने लगे हैं पर इसका स्थायी समाधान निकालने की आवश्यकता है। यह तभी निकलेगा जब उत्पादन के लिए सरकारें गंभीरता से इस दिशा में उद्योग को प्रोत्साहित करें।दीपावली पर झालर, बिजली के लैंप, झूमर, दीपक, पूजा की थाली व मंदिर समेत अन्य उत्पाद बिकते हैं, जो इस बाजार के देश के अन्य भागों में जाते हैं। पूरा बाजार तकरीबन 15 से 20 हजार करोड़ रुपये का है।

इस वर्ष अप्रैल में जब बॉर्डर पर तनाव था तब बाजार ने पूरी तरह से चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर दिया था और सरकार से आग्रह किया था कि देसी उत्पादों की उपलब्धता की ओर वह त्वरित ध्यान दें।वैसे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वोकल फॉर लोकल' व 'आत्मनिर्भर भारत' का नारा दिया और उस दिशा में कदम आगे बढ़ाए। यहां के व्यापारियों का कहना है कि इस दिशा में सरकार को और तेजी दिखाने की जरूरत है, क्योंकि बाजार में माल की उपलब्धता अगर नहीं होती है तो मजबूरी में दुकानदारों को कदम वापस लेने पड़ सकते हैं।

दिल्ली इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत आहूजा कहते हैं कि निश्चित ही आयात में फर्क आया है। चीन से आयात पिछले वर्ष की तुलना में काफी घटा है। इसके साथ ही कुछ देसी उत्पाद भी आए हैं। ग्राहक भी अब बाजार में और मुखर तरीके से चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं। वह कहते हैं कि निश्चित ही इस बार दीपावली में बदलाव दिखेगा, जब देसी उत्पाद और बेहतर तरीके से बाजार में जगह बनाते दिखेंगे, क्योंकि छोटे स्तर पर ही सही दिल्ली-एनसीआर में दीपावली से जुड़े इलेक्टि्रकल उत्पादों का निर्माण शुरू हो गया है। पर यह अब भी मांग की तुलना में कम है। ये इस बार मुश्किल से 15 से 20 फीसद ही होंगे। इसे 100 फीसद तक पहुंचाने के लिए अभी काफी काम की जरूरत है।एक समय था जब लाइटें, झालर और झूमर मुरादाबाद, फिरोजाबाद, अलीगढ़, पलवल और दिल्ली में बनते थे। अब एक बार फिर से इन औद्योगिक स्थानों को स्वदेशी उत्पादों से जगमग करने की आवश्यकता है।

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