Delhi News: बसों से सफर करने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी, अगले माह बढ़ जाएगा बसों का बेड़ा
Delhi Transport Newsपरिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की अध्यक्षता में दिल्ली परिवहन निगम के निदेशक मंडल की बैठक हुई। बैठक के दौरान डीटीसी बोर्ड ने 1000 एसी लो फ्लोर सीएनजी (बीएस-सिक्स) बसों की खरीद के लिए फंड स्वीकृत कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की अध्यक्षता में दिल्ली परिवहन निगम के निदेशक मंडल की बैठक हुई। बैठक के दौरान डीटीसी बोर्ड ने 1,000 एसी लो फ्लोर सीएनजी (बीएस-सिक्स) बसों की खरीद के लिए फंड स्वीकृत कर दिया है। बोर्ड ने प्रति बस साढ़े सात लाख किलोमीटर तक 12 वर्ष के लिए बसों के वार्षिक रखरखाव के लिए बीमा धनराशि को भी मंजूरी दी है।
इन बसों में रियल-टाइम पैसेंजर इंफार्मेशन सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन व जीपीएस जैसी सुविधाएं होंगी। दिव्यांग यात्रियों की सुविधाओं का भी इन बसों में खास ध्यान रखा गया है। डीटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि ये बसें अप्रैल से आनी शुरू हो जाएंगी।
बोर्ड मीटिंग के बाद परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि फिलहाल दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के लिए 6,601 बसें है, जिनमें 3,762 बसें डीटीसी की हैं, व 2,839 क्लस्टर बसें हैं। क्लस्टर बसों में 1,681 बीते दो वर्ष में शामिल हुई हैं। नई 1,000 बसों के बाद दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के लिए में कुल बसों की संख्या 7,601 हो जाएगी।
बुजुर्गो, बच्चों और दिव्यांगों को नहीं आएगी दिक्कत
अधिकारी ने बताया कि ये बस यात्री के दरवाजे की ओर 60 एमएम झुकती हैं, ताकि वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और दिव्यांगों को चढ़ने और उतरने में सुविधा हो।
डीटीसी कर्मचारियों की बढ़ी ग्रेच्युटी
बोर्ड ने कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की मंजूरी दी। इस कदम से सभी डीटीसी कर्मचारियों को लाभ होगा और उनकी सेवानिवृत्ति के लाभों में भी वृद्धि होगी। डीटीसी में इस समय करीब 25 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं।
ईवी नीति से टाटा की एक कार बाहर
दिल्ली में लागू ई-वाहन नीति के तहत स्वीकृत माडलों को लेकर परिवहन विभाग सख्त हो गया है। बैट्री चार्जिग के दावे पर खरा नहीं उतरने पर विभाग ने टाटा मोटर्स लिमिडेट की एक कार को ई-वाहन नीति से बाहर कर दिया है। यह व्यवस्था इस मामले को देखने के लिए बनाई गई समिति की रिपोर्ट आने तक लागू रहेगी।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि ईवी नीति के तहत शामिल किसी माडल में यदि शिकायत आती है तो कंपनी के दावे की पड़ताल की जाएगी। यदि कंपनी के दावे पर माडल खरा नहीं उतरता है तो उसे सब्सिडी की सुविधा से अलग कर दिया जाएगा। टाटा कंपनी की कार के इस माडल के बारे में परिवहन विभाग के पास शिकायत आई थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।