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Delhi News: डिप्टी सीएम बोले बर्ड फ्लू की निगरानी के काम में नहीं लगाए जाएंगे शिक्षक

दिल्ली सरकार ने बर्ड फ्लू की स्थिति को देखते हुए इससे दिल्ली के शिक्षकों को राहत देने का आदेश दिया है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस बारे में सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वो बिना किसी अनुमति के ऐसे कामों में शिक्षकों की तैनाती न करें।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 04:07 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 04:29 PM (IST)
Delhi News: डिप्टी सीएम बोले बर्ड फ्लू की निगरानी के काम में नहीं लगाए जाएंगे शिक्षक
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षकों को बर्ड फ्लू की निगरानी के काम से अलग रखा जाए।

नई दिल्ली, एएनआइ। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के शिक्षकों को बर्ड फ्लू की निगरानी की डयूटी के कामों से मुक्त रखने के निर्देश दिए हैं। इससे शिक्षकों को राहत मिली है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस बारे में सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वो बिना किसी अनुमति के ऐसे कामों में शिक्षकों की तैनाती न करें। यदि किसी तरह से इनको ऐसी डयूटी में लगाया भी जाना हो तो उसके लिए इजाजत ली जाए।

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दरअसल शिक्षक संघ की ओर से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शिकायत दी गई थी कि शिक्षकों को बर्ड फ्लू की निगरानी के कामों में लगाया जा रहा है। यदि वो इस तरह के कामों की निगरानी में लगेंगे तो उनका शिक्षण का काम प्रभावित होगा। उनको इस तरह के कामों से अलग रखा जाए। शिक्षकों को इस तरह के कामों की ड्यूटी में लगाना किसी तरह से ठीक भी नहीं है।

उसके बाद दिल्ली सरकार ने राज्‍य में शिक्षकों को बर्ड फ्लू की निगरानी ड्यूटी से मुक्त करने के निर्देश जारी किये हैं। दरअसल राज्‍य के शिक्षकों को बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए दिल्‍ली में आने जाने वाले मुर्गा वाहनों की निगरानी की ड्यूटी पर लगा दिया गया था जिसका शिक्षक संघ ने विरोध शुरू कर दिया था। शिक्षकों को इससे पहले कोरोना ड्यूटी पर भी लगाया जा चुका है जिसके बाद शिक्षक संघ के सचिव ने बर्ड फ्लू ड्यूटी के संबंध में शिक्षामंत्री से इसकी शिकायत की थी और तुरंत कार्रवाई की मांग की थी, उनकी इस मांग को देखते हुए डिप्टी सीएम की ओर से ये आदेश जारी किया गया है।

शिक्षक संघ के सचिव अजय वीर यादव ने इस मामले की शिकायत करते हुए कहा था कि शिक्षकों की इस तरह के कार्यों में ड्यूटी दुर्भाग्यपूर्ण है। यह शिक्षक समाज का घोर अपमान है, शिक्षक संघ इसकी निंदा भी करता है। शिक्षा मंत्री को इस पर मामले पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। वार्षिक परीक्षाओ से पूर्व शिक्षकों का ये समय बच्चों की पढ़ाई के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, न कि इस तरह के कामों के लिए। उसके बाद ये आदेश जारी किया गया।

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