Delhi News: एम्स अब बुजुर्गों का दिमाग तेज बनाए रखने पर कर रहा रिसर्च, जानिए उसकी खूबियां
बुजुर्गो को मानसिक रूप से सक्रिय बनाए रखने के लिए एम्स शोध कर रहा है। इसमें 25 से 50 साल की उम्र के लोगों और बुजुर्गो की मानसिक अवस्था व जीवनशैली का तुलनात्मक अध्ययन होगा। यह अध्ययन दो श्रेणी के लोगों पर तुलनात्मक रूप से किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। बुजुर्गो को मानसिक रूप से सक्रिय बनाए रखने के लिए एम्स शोध कर रहा है। इसमें 25 से 50 साल की उम्र के लोगों और बुजुर्गो की मानसिक अवस्था व जीवनशैली का तुलनात्मक अध्ययन होगा। लिहाजा, 80 साल या उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग, जिनकी मानसिक क्षमता 20 से 30 साल के युवाओं के बराबर या उससे ज्यादा है, तो वे इस अध्ययन में हिस्सा ले सकते हैं।
शोध के नतीजों के आधार पर एम्स का जेरियाटिक विभाग बुजुर्गो के लिए खानपान, व्यायाम व योग से जुड़ा प्रोटोकॉल तैयार करेगा, जिसे अपनाकर लोग वृद्धावस्था में भी अपने दिमाग को तेज रख सकते हैं। इससे भूलने की बीमारी की रोकथाम हो सकेगी।
यह अध्ययन दो श्रेणी के लोगों पर तुलनात्मक रूप से किया जाएगा। पहली श्रेणी में 25 से 50 वर्ष के लोग शामिल होंगे। वहीं दूसरी श्रेणी में 80 या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गो को शामिल किया जाएगा। इस शोध में सिर्फ उन्हीं लोगों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने कम से कम स्नातक की पढ़ाई की हो। इस अध्ययन में शामिल होने के लिए लोग जेरियाटिक विभाग में संपर्क (011-26546079) कर सकते हैं। इसमें ऐसे बुजुर्गो को शामिल किया जाएगा, जिनकी याददाश्त और सोचने समझने की क्षमता बेहतर हो।
शोध में शामिल लोगों की ब्लड जांच, एमआरआइ व न्यूरोसाइकोलॉजिकल परीक्षण (याददाश्त व व्यक्तित्व) किया जाएगा। दो साल तक एम्स के डॉक्टर उन लोगों का फालोअप करेंगे, ताकि उम्र के साथ मस्तिष्क में होने वाले बदलाव का पता लगाया जा सके। एम्स में यह शोध जेरियाटिक विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. प्रसून चटर्जी के नेतृत्व में चल रहा है।
शोध के दौरान यह भी देखा जाएगा कि जिस बुजुर्ग का दिमाग तेज काम कर रहा है उनकी जीवनशैली व खानपान कैसी है और कितने समय तक व्यायाम व योग करते हैं? इस आधार पर सुपर एजर का पैमाना तय किया जाएगा और दूसरों को उनकी तरह जीवनशैली अपनाने की सलाह दी जाएगी।