केजरीवाल के मंत्री ने दुष्यंत चौटाला से पूछे तीखे सवाल, मांगा त्रिपुरा के सीएम का इस्तीफा
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की कड़ी निंदा की है।
नई दिल्ली, एएनआइ। सिख और जाट समुदाय पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब की तरफ से पिछले दिनों दिया गए बयान पर विवाद अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने बिप्लब देब का इस्तीफा मांगा है। प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए दिल्ली के कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि उनकी पार्टी त्रिपुरा के सीएम के बयान की कड़ी निंदा करती है।
कैलाश गहलोत ने हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से सवाल किया कि क्या वह जाट हैं। अगर हैं तो उन्हें त्रिपुरा के सीएम के बयान की कड़ी निंदा करनी चाहिए और उनसे इस्तीफा मांगना चाहिए।
#WATCH I ask Dushyant Chautala, you're also a Jat, if you're feeble-minded or mad, then how did you become Haryana Dy CM? Chautala should ask for Tripura CM Biplab Deb's resignation.We demand Biplab Deb's resignation.Insult of Jats won't be tolerated:Delhi Minister Kailash Gahlot pic.twitter.com/3SbeZilSiv— ANI (@ANI) July 22, 2020
बता दें कि त्रिपुरा के सीएम ने जाट समुदाय पर विवादित बयान दिया था। हालांकि उन्होंने विवाद बढ़ने पर माफी भी मांग ली थी। लेकिन उनके विरोधी लगातार उन पर हमलावर हैं।
उधर, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब द्वारा सिख एवं जाट समुदाय के खिलाफ की गई एक टिप्पणी पर मिली शिकायतों पर बुधवार को दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति ने बैठक की। इस दौरान समिति ने प्राप्त सभी शिकायतों पर विस्तार से चर्चा की और पाया कि बिप्लब देब द्वारा की गई टिप्पणी भड़काऊ एवं सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाली है। इसलिए अब इस मुद्दे पर सभी शिकायतकर्ताओं को समिति के सामने बुलाया जाएगा और उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। बयानों के आधार पर समिति एक रिपोर्ट तैयार करेगी।
समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने बताया कि एक शिकायत में कहा गया था कि जाट एवं सिख समुदाय का इतिहास गौरवशाली रहा है। इस कौम के लोग देश के ऊंचे पदों पर रहे हैं। फिर ऐसे में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का बयान पीड़ादायक एवं भड़काऊ है। चड्ढा ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान काफी निराशाजनक है। इससे दो समुदायों के बीच शांति एवं सद्भाव बिगड़ सकता है इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए समिति इन शिकायतों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करेगी।