वायु प्रदूषण से निपटने के लिए डीएमआरसी कर रहा है एंटी स्माग गन का इस्तेमाल
इस समय मेट्रो चौथे चरण का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके साथ ही कई अन्य निर्माण परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 12 काम चल रहे हैं। निर्माण कार्य से वायु प्रदूषण रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दीवाली के बाद खराब हुई दिल्ली-एनसीआर की हवा में कोई खास सुधार नहीं आया है। हवा में घुले प्रदूषण के कणों के चलते दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक अब भी 300 के पार ही है। वहीं, वायु प्रदूषण से बचाव के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) द्वारा निर्माण स्थलों पर 14 एंटी स्माग गन लगाए गए हैं। इसके साथ ही निर्माण स्थलों पर उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए कई और कदम उठाए जा रहे हैं। इसे डीएमआरसी की ओर से अच्छी और सकारात्मक पहल के तौर पर देखा जा रहा है।
डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक (कारपोरेट कम्युनिकेशन) अनुज दयाल का कहना है कि इस समय मेट्रो चौथे चरण का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके साथ ही कई अन्य निर्माण परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 12 काम चल रहे हैं। निर्माण कार्य से वायु प्रदूषण रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। आधुनिक एंटी स्माग गन से 20 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्र में धूल रोकने में मदद मिलती है। इसमें उपयोग होने वाले पानी की शुद्धता का भी ध्यान रखा जाता है। पारंपरिक तौर पर कोयला और सीमेंट से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए इस तरह के एंटी स्माग गन का इस्तेमाल होता है।
वर्ष 2016 में डीएमआरसी ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसका इस्तेमाल किया था। चौथे चरण के निर्माण कार्य में डीएमआरसी ने ठेकेदारों के लिए इसके इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि निर्माण स्थलों पर निर्माण सामग्री को तिरपाल से ढक कर रखा जाता है। वहां से निकलने वाले वाहनों की अच्छी तरह से सफाई की जाती है जिससे कि सड़कों पर धूल नहीं फैले। वाहनों से लाई जाने वाली सामग्री को भी ठीक तरह से ढका जाता है। प्रमुख निर्माण स्थलों की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर तारकोल की परत बिछाई गई है।