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मेट्रो ट्रेन के सामने फिर आई एक युवती, आगे क्या हुआ जानने के लिए पढ़ें यह स्टोरी

समयपुर बादली से विश्वविद्यालय के बीच ट्रेन मूवमेंट धीमा हो गया है। इसकी वजह से आदर्श नगर में ट्रैक पर एक यात्री का आ जाना है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 09:10 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 04:30 PM (IST)
मेट्रो ट्रेन के सामने फिर आई एक युवती, आगे क्या हुआ जानने के लिए पढ़ें यह स्टोरी
मेट्रो ट्रेन के सामने फिर आई एक युवती, आगे क्या हुआ जानने के लिए पढ़ें यह स्टोरी

नई दिल्ली, जेएनएन। वर्ल्ड क्लास तकनीकी और सुविधाएं देने का दावा करने वाली दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) अपनी मेट्रो स्टेशनों पर होने वाले आत्महत्या के मामलों को रोकने में नाकाम है। सोमवार को एक बार फिर  आजादपुर में मेट्रो स्टेशन पर युवती ने ट्रैक पर कूदकर आत्महत्या कर ली। रोशनआरा गार्डन की रहने वाली इस युवती का नाम आयशा खान बताया जा रहा हैै। पुलिस कारणों की जांच में जुटी है। इसके चलते सोमवार सुबह यलो लाइन (yellow  line metro) पर समयपुर बादली से विश्वविद्यालय स्टेशन के बीच ट्रैफिक प्रभावित हुआ।

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डीएमआरसी (DMRC) की ओर से किए गए ट्वीट में कहा किया है- समयपुर बादली से विश्वविद्यालय के बीच ट्रेन मूवमेंट धीमा हो गया है। इसकी वजह से आदर्श नगर में ट्रैक पर एक यात्री का आ जाना है। बाकी सभी लाइनों पर सेवाएं सामान्य हैं।

डीएमआरसी के मुताबिक, यलो लाइन के रूट पर गुरुतेग बहादुर नगर के पास ट्रैक पर एक शख्स के आने से रूट बाधित हो गया। वहीं, अन्य लाइनों पर ट्रेन यात्रा बिल्कुल सामान्य है।

इससे पहले 11 सितंबर को भी दिल्ली मेट्रो (Delhi metro) में एक और आत्महत्या (Suicide) का मामला सामने आया था जिससे रूट प्रभावित हुआ था। दरअसल, 11 सितंबर की दोपहर दिल्ली के आर्दश नगर मेट्रो स्टेशन पर एक शख्स ने ट्रैक पर आत्महत्या कर ली थी। उसका नाम अनिल गुप्ता दिल्ली था और वह मजलिस पार्क का रहने वाला था। घटना के बाद समयपुर बादली से विश्वविद्यालय स्टेशन के बीच ट्रैफिक प्रभावित हुआ था। 

गौरतलब है कि डीएमआरसी की तमाम कोशिशों के बाद भी इन घटनाओं पर रोक नहीं लग रही और शायद इन्हीं को देखते हुए अब इसने एक अभियान शुरू किया है। यह अभियान दरअसल मानसिक परेशानी और अकेलेपन से जूझ रहे लोगों के लिए शुरू किया गया है।

बता दें कि मेट्रो में खुदकुशी करने वाले अधिकांश मामले ऐसे होते हैं जिसमें पीड़ित मानसिक परेशानी से जूझ रहे होते हैं. इस कैम्पेन को 'नेवर गिव अप' नाम दिया गया है।इस अभियान के प्रचार के लिए मेट्रो म्यूजियम में एक पैनल लगाया गया है और लोगों से अपील की गई है कि वे किसी को प्रोत्साहित करने और उनकी तकलीफ को कम करने वाला स्लोगन या छोटी कविता साझा करें जो सबसे अच्छी पाई जाएगी, उन्हें प्रदर्शित किया जाएगा

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