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Delhi MCD: मानसून सिर पर अब आपदा की स्थिति से निपटने की कसौती पर कसे जाएंगे निगमकर्मी भी, 100 का किया गया चयन

निगम के मुताबिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले चरण में निगम के 100 कर्मचारियों को कुशल आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा जिससे वे किसी भी प्राकृतिक आपदा और अप्रिय स्थिति को कुशलतापूर्वक निपटा सकें। इसके लिए कर्मचारियों को चयनित भी कर लिया गया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 01:17 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 01:17 PM (IST)
Delhi MCD: मानसून सिर पर अब आपदा की स्थिति से निपटने की कसौती पर कसे जाएंगे निगमकर्मी भी, 100 का किया गया चयन
दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है। इसमें डूबकर लोगों की मौत भी हो चुकी है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आपदा की स्थिति से निपटने की कसौटी पर नगर निगम के कर्मियों को भी कसा जाएगा। दिल्ली नगर निगम की ओर से अपने कर्मियों को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल से प्रशिक्षित कराने की तैयारी है। यह तैयारी ऐसे समय में चल रही है जब मानसून निकट है। हर वर्ष मानसून में दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है। इसमें डूबकर लोगों की मौत भी हो चुकी है।

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निगम के मुताबिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले चरण में निगम के 100 कर्मचारियों को कुशल आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे किसी भी प्राकृतिक आपदा और अप्रिय स्थिति को कुशलतापूर्वक निपटा सकें। इसके लिए कर्मचारियों को चयनित भी कर लिया गया है, जिसमें बेलदार, माली और तकनीकी कर्मचारी शामिल होंगे। इस प्रकार चरणवार रूप से आगे भी कर्मचारियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र स्थित शाहदरा दक्षिणी जोन के कार्यालय में 30 जून को होगा।

निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसको लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को पत्र लिखकर प्रशिक्षण स्थल के सभागार और खुले मैदान जैसी उपलब्ध सुविधाओं के साथ ही भवन का निरीक्षण करने का अनुरोध किया गया है, जिससे प्रशिक्षण कार्यक्रम को बेहतर तरीके से अंजाम तक पहुंचाया जा सके।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की ओर से कर्मचारियों को 'प्राइमरी रिस्पांडर' बनने के लिए बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसमें बचाव, प्राथमिक चिकित्सा, टीम समन्वय, उखड़े हुए पेड़ों व इमारत के मलबे को हटाने के दौरान पालन किए जाने वाले सुरक्षित अभ्यास शामिल होंगे। इस तरह इन आपदा की स्थिति में जान-माल की हानि रोकने के साथ जल्द सुविधाओं को बहाल किया जा सके।

उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ बल के समन्वय से नगर निगम के कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ ही आपदा केंद्रों पर संसाधनों की सूची बढ़ाने और उपकरणों को अपग्रेड करने का भी निर्णय लिया गया है। मौजूदा वक्त में नगर निगम के पास 12 आपदा केंद्र हैं, जो मुख्य रूप से उखड़े हुए पेड़, इमारत ढहने और डंप साइटों पर आग और जल-जमाव की समस्याओं से निपटते हैं।

दिल्ली में सिविक कर्मियों के आपदा की स्थिति के लिए तैयार रहने, विभिन्न एजेंसियों में समन्वय के साथ आधुनिक आपदा प्रबंधन उपकरणों की आवश्यकता एक माह पहले दिल्ली में आए तूफान के बाद से महसूस की जा रही है, जिसके चलते बड़ी संख्या में पेड़ और मकान गिरे। इसमें कुछ लोगों की मौतें हुई। उसके बाद बड़ी समस्या सड़कों और फुटपाथ पर टूटकर गिरे पेड़ों और मलबे को हटाने में आई थी। अबी भी कई इलाकों से टूटे पेड़ नहीं हटाए जा सके हैं।


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