Delhi MCD: ज्ञानेश भारती होंगे एकीकृत नगर निगम के नए नगर आयुक्त, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नए नोटिफिकेशन के तहत अश्वनी कुमार दिल्ली निगम में स्पेशल आफिसर होंगे तो ज्ञानेश भारती एकीकृत नगर निगम के नए आयुक्त बनाए गए हैं। इन दोनों के नामों की चर्चा पहले से चल रही थी।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली नगर निगम में नए नगर आयुक्त ज्ञानेश भारती होंगे। स्पेशल आफिसर के तौर पर अश्वनी कुमार काम करेंगे। निगम एक होने के बाद नए नगर आयुक्त और स्पेशल आफिसर की तैनाती कर दी गई है। इसके बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है।
मालूम हो कि अभी तक ये कहा जा रहा था कि दिल्ली के तीनों नगर निगम 22 तारीख को एक हो जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार नोटिफिकेशन भी जारी करेगा मगर इसे 20 मई को ही जारी कर दिया गया। इससे पहले तीनों नगर निगमों को एक करने की मांग तेजी से उठ रही थी। इसके पीछे आर्थिक स्थिति का हवाला दिया जा रहा था। दिल्ली उत्तरी नगर निगम, पूर्वी नगर निगम और दक्षिणी नगर निगम को अब एक कर दिया गया है।
खत्म हो जाएगा पुराना विवाद
दिल्ली के तीनों नगर निगम खराब आर्थिक हालातों से जूझ रहे हैं। वर्ष 2012 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एमसीडी को तीन भागों में बांटा था। इसकी वजह से निगमों के खर्चे बढ़ गए थे। यहां पर बता दें कि तीनों निगमों के एक होने के साथ ही निगम का तीन हजार करोड़ का सबसे बड़ा विवाद भी खत्म हो गया है। यह विवाद था सिविक सेंटर के मालिकाना हक से लेकर किराये का। तीन निगम बनाए जाने के कुछ वर्ष बाद से ही इस पर विवाद ने बड़ा रूप ले लिया था। अब यह थम जाएगा।
700 पद हो जाएंगे खत्म
दिल्ली नगर निगमों के विलय के बाद करीब 700 पदों को खत्म किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 22 मई तक तीनों नगर निगमों को भंग कर दिया जाएगा। इसके बाद एकीकृत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) अस्तित्व में आ जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, तीनों नगर निगम के एकीकरण से लगभग 700 कर्मचारी ‘जरूरत से ज्यादा' हो जाएंगे, क्योंकि प्रत्येक विभाग में कर्मचारियों की संख्या में एक-तिहाई की कमी होने की संभावना है।
हालांकि, इन पदों को खत्म करने का फैसला विशेष अधिकारी को लेना होगा। इसमें समूह ए से लेकर समूह सी तक के पद हैं। उल्लेखनीय है कि तीन निगम होने से निगम के करीब 81 विभाग हो गए थे। अब चूंकि तीनों निगम एक हो रहे हैं, ऐसे में विभागों की संख्या एक तिहाई, यानी 27 हो जाएगी। इससे बड़ी संख्या में पद खत्म हो जाएंगे। वहीं, प्रतिनियुक्ति पर आए कई अधिकारियों को अपने मूल विभाग में भी जाना होगा।
चुनाव होने तक विशेष अधिकारी पर होगी बड़ी जिम्मेदारी
एकीकृत निगम में चुनाव होने तक केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त विशेष अधिकारी पर बड़ी जिम्मेदारी होगी। चूंकि निगम एक्ट में अधिकतम 250 वार्ड की बात है, तो इसके लिए नए सिरे से परिसीमन होगा, जिसमें अनुसूचित जाति से लेकर महिलाओं के लिए आरक्षित वार्ड का भी निर्धारण किया जाएगा।