Delhi MCD By Election: उपचुनाव से कांग्रेस को मिली आशा, भाजपा को निराशा, आप का जलवा कायम
पूर्वी निगम क्षेत्र की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को हुआ। एक सीट जीतकर इस पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए कुछ आशाएं जगा दी हैं। वहीं आप को एक सीट का नुकसान हुआ है। भाजपा के लिए यह उपचुनाव निराशा देने वाले रहे।
नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। पूर्वी निगम क्षेत्र की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को हुआ। एक सीट जीतकर इस पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए कुछ आशाएं जगा दी हैं। वहीं, आप को एक सीट का नुकसान हुआ है। भाजपा के लिए यह उपचुनाव निराशा देने वाले रहे। भाजपा एक भी सीट पर कमल नहीं खिला पाई। चौहान बांगर में तो हमेशा की तरह इस बार भी पार्टी के उम्मीदवार ने अपनी जमानत जब्त करा ली।
दरअसल कल्याणपुरी, त्रिलोकपुरी ईस्ट और चौहान बांगर की सीटें 2017 के निगम चुनाव में आप के पास आ गई थीं। यहां से क्रमश: कुलदीप कुमार, रोहित मेहरोलिया और अब्दुल रहमान पार्षद थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में इन तीनों को आप ने विधानसभा चुनाव लड़वाया और तीनों जीतकर विधायक बन गए। इस वजह से ये तीनों सीटें रिक्त थीं। उपचुनाव में इन तीन में आप दो सीटें बचाने में कामयाब रही।
कल्याणपुरी से आप के धीरेंद्र कुमार ने भाजपा के सियाराम कन्नौजिया को 7043 मतों से हरा दिया। धीरेंद्र कुमार को विधायक कुलदीप कुमार का करीबी माना जाता है। कुलदीप ने इस उपचुनाव को जीतने के लिए काफी मेहनत भी की और परिणाम उनके पक्ष में आया।
वहीं त्रिलोकपुरी के विधायक रोहित मेहरोलिया भी अपनी साख बचाने में कामयाब रहे। त्रिलोकपुरी ईस्ट से विजय कुमार 4,986 मतों से भाजपा के ओम प्रकाश गुगरवाल को शिकस्त दे दी।
हालांकि सीलमपुर विधायक अब्दुल रहमान अपनी पुरानी सीट नहीं बचा पाए। इस सीट पर 2012 से 2017 तक उनकी पत्नी आसमा रहमान पार्षद थीं। इसके बाद वह खुद पार्षद रहे। लेकिन, उनकी पार्टी के उम्मीदवार और सीलमपुर के ही पूर्व विधायक हाजी इशराक खान को नहीं जिता पाए। इशराक खान को राजनीति के नए-नवेले खिलाड़ी जुबेर अहमद ने 10,642 वोटों से मात दे दी। जुबेर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पांच बार के विधायक रहे मतीन अहमद के बेटे हैं। इस जीत के साथ जुबेर ने मतीन अहमद की प्रतिष्ठा बचा ली। साथ ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को आशा की किरण भी दिखा दी।
वहीं, इस चुनाव में भाजपा के पास कुछ पाने का मौका था लेकिन उसने गंवा दिया। तीनों सीटों पर उसे जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा। एक भी सीट पर पार्टी का उम्मीदवार टक्कर देता हुआ भी नजर नहीं आया। जबकि कल्याणपुरी और त्रिलोकपुरी में भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने पूरी ताकत झोंक दी थी। चौहान बांगर सीट पर पार्टी को कोई उम्मीद नहीं थी। यहां पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद नाजिर अंसारी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। उन्हें मात्र 105 वोट मिले। इस सीट पर भाजपा को सबसे अधिक 1157 वोट 2007 के चुनाव में मिले थे। इसके बाद अधिकतम 259 वोट ही मिले।