Delhi: अब होटल में ठहरना पड़ सकता है महंगा, ग्राहकों को देना पड़ेगा 'Corona Tax'
Delhi Lockdown 4 कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पूर्व की तुलना में आवश्यक बचाव के अन्य उपाय करने होंगे जिससे होटलों में ठहरने का खर्च 50 फीसद तक महंगा हो सकता है।
नेमिष हेमंत [नेमिष हेमंत]। लॉकडाउन-4 में कुछ छूट की संभावनाओं के बीच दिल्ली के होटल व गेस्ट हाउस संचालक भी कमर कसने लगे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के इंतजामों के साथ कैसे होटलों में यात्रियों को ठहराया जा सकता है, क्या इंतजाम होंगे। इसपर मंथन चल रहा है। इसमें एक राय यह बनी है कि बदले परिदृश्य में ग्राहकों से 'कोरोना शुल्क' वसुला जाए। यह कोरोना शुल्क प्रति कमरा 30 से 50 फीसद तक हो सकता है।
होटल संचालकों के मुताबिक इसका इस्तेमाल होटल व कमरों को कुछ घंटे पर सैनिटाइज करने, हाउस किपिंग स्टाफ को पीपीई किट, मास्क और दस्ताने देने, हर कमरे में सैनिटाइजर रखने तथा शारीरिक दूरी के नियम के पालन कराने में खर्च होगा। राष्ट्रीय राजधानी पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यहां बड़ी तादात में देसी-विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं। जिनके लिए पहाड़गंज, करोलबाग, महिपालपुर समेत अन्य स्थानों पर स्थित 2000 से अधिक बजट होटल व गेस्ट हाउस सस्ते किराये पर ठहरने का मुफीद स्थान मुहैया कराते हैं, लेकिन इस कोरोना शुल्क के चलते उनका बजट बिगड़ सकता है।
दिल्ली होटल एंड रेस्टोरेंट ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप खंडेलवाल ने कहा कि हमें यात्रियों के साथ होटल स्टाफ के कोरोना से बचाव के पूरे इंतजाम करने होंगे, जिसमें हर छह घंटे पर पूरे होटल को सैनिटाइज करना होगा, थर्मल स्क्रीनिंग मशीन रखना होगा। आवश्यक बचाव के अन्य उपाय करने होंगे।
पहाड़गंज स्थित सुशांत ट्रेवेल के मालिक विजय तिवारी ने कहा कि हमें शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए एक कमरे में एक ही लोगों को ठहराने की कोशिश करनी होगी। उनका स्वास्थ्य और यात्रा रिकार्ड रखना होगा। उनको रोजाना मास्क और दस्ताने देना होगा। इससे होटल संचालन का खर्च दोगुना हो जाएगा। वैसे, भी अनुमति मिलने के बाद कम से कम छह माह तक टूर-टूरिज्म उद्योग के परवान चढ़ने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में ठहरने वाले यात्रियों पर भुगतान अधिक पड़ेगा।
होटल को रखना होगा सुरक्षित और स्वच्छ
ऑनलाइन टूर ट्रेवैल कंपनियां भी होटल संचालकों को अपने होटल सुरक्षित और स्वच्छ रखने पर जोर दे रही हैं। कंपनियों ने होटल संचालकों को भेजे पत्र में कहा है कि ऐसा करने पर वह उनके होटलों को बढ़ावा देंगी।
'कोरोना शुल्क' टैक्स और कमीशन में न हो शामिल
संदीप खंडेलवाल मांग करते हुए कहते हैं कि इस कोरोना शुल्क को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व ऑनलाइन टूर ट्रैवेल कंपनियों के कमीशन में नहीं शामिल होने चाहिए, क्योंकि इससे कोई आय नहीं होने वाली है। बल्कि, सरकार को पर्यटन उद्योग को गति देने के लिए बिजली, पानी, हाउस टैक्स जैसे मामलों में छूट देनी चाहिए।
फोटो- 15 डेल 713 -प्रति कमरा किराया चुकाना पड़ सकता है 25 से 50 फीसद कोराना शुल्क -कमरे को सैनिटाइज कराने, ग्राहकों व कर्मचारियों को कोरोना से बचाव के इंतजामों पर होगा खर्च