Delhi Haryana Water Dispute: दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
Delhi Haryana Water Dispute दिल्ली जल बोर्ड की याचिका में साफतौर पर कहा गया है कि हरियाणा पर्याप्त पानी नहीं दे रहा। जो पानी दिल्ली भेजा जा रहा है उसमेें अमोनिया की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली-हरियाणा जल विवाद मामले में मंगवलार को फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। पिछले सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी पक्षों को अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने को कहा। इसके साथ ही अगली सुनवाई अब 6 अप्रैल यानी मंगलवार को तय की है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जल संकट का सामना कर रही दिल्ली की जलापूर्ति कम न की जाए। गौरतलब है कि दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राजधानी दिल्ली में जल संकट के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया था।
दिल्ली जल बोर्ड की याचिका में साफतौर पर कहा गया है कि हरियाणा पर्याप्त पानी नहीं दे रहा। जो पानी दिल्ली भेजा जा रहा है, उसमेें अमोनिया की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। सुप्रीम कोर्ट ने भाखड़ा नंगल बांध से ही कम पानी छोड़े जाने हरियाणा सरकार के तर्क पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा था।
चीफ जस्टिस न्यायाधीश एसए बोबड़े, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यम की बेंच ने पिछली सुनवाई में कहा था कि हमने पिछली सुनवाई में यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था। हम इसे जारी रखना चाहेंगे। हम होली की छुट्टियों के बाद मंगलवार 6 अप्रैल को इस मामले को देखेंगे तब तक दिल्ली को पानी की आपूर्ति में कटौती नहीं की जानी चाहिए।
उधर, सुनवाई में हरियाणा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा था कि उन्होंने पानी की आपूर्ति में कोई कटौती नहीं की है। इस मामले में एक पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने सुनवाई के दौरान दावा किया कि जल स्तर छह फीट नीचे चला गया है।
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से हरियाणा सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह यमुना में अशोधित प्रदूषकों को डालना रोके तथा दिल्ली के लिए पर्याप्त पानी छोड़े। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च तक के लिए यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश था।
कोर्ट ने इस पर हरियाणा, पंजाब और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को नोटिस जारी कर उनसे याचिका पर जबाव दायर करने को कहा था। दिल्ली जल बोर्ड के वकील ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में जलस्तर नीचे गिर गया है। इस दौरान हरियाणा के वकील ने हालांकि कहा कि पूरी जलापूर्ति की गई है।
दिल्ली जल बोर्ड के वकील ने दलील दी कि हरियाणा के मुताबिक कुछ मरम्मत का काम चल रहा है और नहर की मरम्मत का काम मार्च और अप्रैल में नहीं किया जाना चाहिए जब पानी की मांग अपने चरम पर होती है।