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Water Crisis in East Delhi: गर्मी की शुरुआत होते ही पेयजल संकट होना चिंता की बात

Water Crisis in East Delhi दिल्ली जल बोर्ड को भविष्य में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मरम्मत के कारण यदि पेयजल आपूर्ति में समय लगता है तो प्रभावित क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने की वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 11:52 AM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 11:54 AM (IST)
Water Crisis in East Delhi: गर्मी की शुरुआत होते ही पेयजल संकट होना चिंता की बात
प्रभावित क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने की वैकल्पिक व्यवस्था की ही जानी चाहिए।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Water Crisis in East Delhi यमुनापार के कई इलाकों में तीन दिन तक पेयजल किल्लत गंभीर चिंता का विषय है। भागीरथी जल संयंत्र से जलापूर्ति के लिए पूर्वी जिले में डाली गई एक पाइपलाइन में लीकेज होने के कारण यमुनापार के कई इलाकों में शुक्रवार सुबह से रविवार रात तक पेयजल आपूर्ति बंद रही। इससे गर्मी के दिनों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। विकास मार्ग पर पानी की पाइपलाइन में लीकेज के चलते मकानों की नींव कमजोर होने का खतरा हो गया था, जिसे देखते हुए मरम्मत का काम शुरू किया गया था, जो रविवार को पूरा हुआ, तब जाकर पेयजल आपूर्ति शुरू हो सकी।

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शुरू में यह दावा किया जा रहा था कि 24 घंटे में पेयजल आपूर्ति सामान्य हो जाएगी, लेकिन तीन दिन तक पानी न आने के कारण स्थिति इस कदर गंभीर हो गई कि लोगों को पानी की बोतलें खरीदकर काम चलाना पड़ा। इस दौरान पानी की कालाबाजारी भी देखने को मिली, जहां दुकानदारों ने 20 लीटर की पानी की बोतल बढ़े हुए मूल्य पर बेची और मजबूरी में लोगों ने इसे खरीदा।

गर्मी की शुरुआत होते ही पेयजल संकट होना चिंता की बात है। वहीं, पाइपलाइन में लीकेज होने और मरम्मत में काफी समय लग जाने से कई इलाकों में पानी के लिए त्रहि-त्रहि मच जाना निश्चित तौर पर निराशाजनक है। पाइपलाइन में लीकेज कोई असामान्य बात नहीं है, लेकिन मरम्मत के कारण यदि पेयजल आपूर्ति में समय लगता है तो प्रभावित क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने की वैकल्पिक व्यवस्था की ही जानी चाहिए। इसके कारण लोगों को तीन दिन तक पानी के लिए तरसना पड़े, यह कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। दिल्ली जल बोर्ड को भविष्य में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मरम्मत कार्य होने के दौरान संबंधित क्षेत्र में पानी की परेशानी न हो। इसके साथ ही पानी की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।


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