केजरीवाल के सियासी ड्रामे से दिल्ली में प्रशासनिक संकट, पूरी तरह से ठप पड़ गया है कामकाज
राजनिवास में जो माहौल चल रहा है, उसे देखते हुए उपराज्यपाल भी अपने कार्यालय में नहीं आ रहे हैं। सोमवार शाम से वह राजनिवास में अपने रिहायशी क्षेत्र में ही हैं।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हठ से दिल्ली में प्रशासनिक संकट गहरा गया है। मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी मंत्रियों के धरने से जहां एक ओर राजनिवास बंधक बना हुआ है, वहीं सचिवालय सरकार के बिना चल रहा है। दोनों ही जगह न कोई बैठक हो पा रही है और न कोई फरियादी अपनी शिकायत देने आ रहा है। गुरुवार को भी इस हालात में सुधार के कोई आसार नहीं लग रहे।
नहीं हो रही हैं बैठकें
सोमवार शाम करीब छह बजे जब से केजरीवाल और उनके सहयोगी मंत्रियों मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय ने राजनिवास के प्रतीक्षालय में डेरा जमाया है, वहां का सारा प्रशासनिक कामकाज ठप पड़ गया है। दिल्ली के विभिन्न आला अधिकारियों के साथ होने वाली उपराज्यपाल की कई बैठकें रद हो चुकी हैं। हर हफ्ते मंगलवार को होने वाली वायु प्रदूषण की समीक्षा बैठक भी इस बार नहीं हो पाई। प्रत्येक गुरुवार को होने वाली दिल्ली की कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था की बैठक भी रद कर दी गई है। बुधवार को भी कोई बैठक नहीं हुई।
उपराज्यपाल भी अपने कार्यालय में नहीं आ रहे हैं
इस समय राजनिवास में जो माहौल चल रहा है, उसे देखते हुए उपराज्यपाल भी अपने कार्यालय में नहीं आ रहे हैं। सोमवार शाम से वह राजनिवास में अपने रिहायशी क्षेत्र में ही हैं। सूत्रों के मुताबिक राजनिवास में हर रोज करीब 100 लोग अलग-अलग विभागों से जुड़ी अपनी फरियाद लेकर आते हैं, जिन्हें राजनिवास से संबंधित विभाग को बढ़ा दिया जाता है।
सरकार नदारद है
दूसरी तरफ दिल्ली सचिवालय से भी गत दो दिनों से सरकार एकदम नदारद है। अधिकारी तो रोज की तरह अपना कामकाज कर रहे हैं, लेकिन जनता के लिए संघर्ष करने का दंभ भरने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार को भी मंगलवार की अपनी कैबिनेट बैठक रद करनी पड़ी।
विधानसभा अध्यक्ष ने भी माना कि दिल्ली में विकास ठप
विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को जो पत्र लिखा है, उसमें उन्होंने स्वयं यह स्वीकार किया है कि दिल्ली में विकास ठप है। उन्होंने उपराज्यपाल अनिल बैजल से इस दिशा में जल्द ही कोई कदम उठाने का भी अनुरोध किया है।
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