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Delhi: कोरोना से हो रही मृत्यु के मामले बढ़ने पर निगम ने दिल्ली सरकार से मांगी लकड़ियां और 100 शव वाहन

राजधानी में कोरोना संक्रमण से मरने वाले मरीजों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा होता जा रहा है। आलम ये हो गया है कि श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में जगह कम पड़ गई है। अब श्मशान में पहुंच रहे शवों को जलाने के लिए लकड़ियां भी कम पड़ने लगी है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 12:33 PM (IST)Updated: Wed, 28 Apr 2021 12:33 PM (IST)
Delhi: कोरोना से हो रही मृत्यु के मामले बढ़ने पर निगम ने दिल्ली सरकार से मांगी लकड़ियां और 100 शव वाहन
निगम ने शवदाह के लिए दिल्ली सरकार से लकड़ी की व्यवस्था करने का आग्रह किया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में कोरोना संक्रमण से मरने वाले मरीजों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा होता जा रहा है। आलम ये हो गया है कि श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में जगह कम पड़ गई है। अब श्मशान में पहुंच रहे शवों को जलाने के लिए लकड़ियां भी कम पड़ने लगी है। पहले जहां एक श्मशान घाट पर सुबह से लेकर शाम तक बमुश्किल 20 से 25 शवों को जलाया जाता था वहीं अब यहां पर 24 घंटे शव जलाए जा रहे हैं। इनकी संख्या चार से पांच गुना तक अधिक हो चुकी है। ऐसे में यहां इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ियां भी खत्म हो रही है।

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लकड़ियों की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए निगम की ओर से दिल्ली सरकार से लकड़ी की व्यवस्था करने के लिए आग्रह किया गया है।इसी के साथ निगम के घाटों पर शवों को वहां तक पहुंचाने के लिए 100 शव वाहन भी मांगे गए हैं। दरअसल बीते कुछ दिनों से श्मशान घाटों पर वहां से शव उठाने के लिए वाहन भेजने के लिए फोन किए जा रहे हैं मगर श्मशान घाटों पर इतने वाहन ही नहीं है कि वो हर फोन काल पर वहां अपने वाहन भेज सकें, इस वजह से एक ही वाहन को कई चक्कर लगाना पड़ रहा है।

उधर दिल्ली में पिछले करीब दस दिन से लाकडाउन के बाद भी संक्रमण दर कम नहीं हो रही है। एक दिन पहले यह 30.21 फीसद थी, जो सोमवार को बढ़कर 35.02 फीसद हो गई। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 20,201 नए मामले सामने आए। हालांकि, इस दौरान 22,055 मरीज स्वस्थ भी हुए। वहीं, 380 लोगों ने दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 57,690 सैंपल की जांच की गई, जिनमें से 38,786 की जांच आरटी-पीसीआर से और 18,904 सैंपल का एंटीजन टेस्ट किया गया। इनमें से 35.02 फीसद सैंपल पाजिटिव पाए गए।

इससे पहले 22 अप्रैल को संक्रमण दर 36.24 फीसद हो गई थी, अब-तक की सर्वाधिक है। राजधानी में मौजूदा समय में संक्रमण के 92,358 सक्रिय मामले हैं। इनमें से 52,733 लोग घर में रहकर इलाज करा रहे हैं, जबकि अस्पतालों में 18,831 मरीज भर्ती हैं। अन्य मरीज कोविड केयर सेंटर और कोविड हेल्थ सेंटर में भर्ती हैं। राजधानी में अब तक 10,47,916 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, इनमें से 9,40,730 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि, कुल 14,628 लोगों की मौत हो चुकी है जो कि 1.40 फीसद है। अब तक कुल 1,68,39,549 सैंपल की जांच हो चुकी है।

आक्सीजन की कमी होने के बाद अस्पताल में मरीजों की हालत गंभीर हो रही है, वहीं दिल्ली सरकार आक्सीजन बेड बढ़ाने की स्थिति में नहीं है। इस कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने कमान संभाली और राजधानी के लिए आक्सीजन एक्सप्रेस की व्यवस्था की। यह एक्सप्रेस अपने तय समय से 40 मिनट की देरी से स्टेशन पर पहुंची थी। इसके बाद 8.50 बजे सभी टैंकरों को रेलवे स्टेशन से अस्पतालों के लिए रवाना कर दिया गया। कुल सात रेलवे स्टेशनों पर आक्सीजन उतारने की व्यवस्था राजधानी में आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए रेलवे ने आक्सीजन एक्सप्रेस के जरिये रायगढ़ के साथ अंगुल, कलिंगनगर और राउरकेला से दिल्ली-एनसीआर के शहरों में आक्सीजन पहुंचाने की योजना तैयार की। इसके लिए राजधानी में कुल सात रेलवे स्टेशनों पर आक्सीजन उतारने की व्यवस्था की गई है।



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