Olympian Sushil Kumar Case: सनसनीखेज तरीके से मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर HC में दायर हुई याचिका खारिज
Olympian Sushil Kumar Case मामले में एक विधि छात्र ने याचिका दायर कर कहा कि छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद के संबंध में मीडिया द्वारा सुशील कुमार के मामले की रिपोर्टिंग से उनके करियर और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में आरोपित ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार के मुकदमे को सनसनीखेज तरीके से रिपोर्टिंग करने से मीडिया को रोकने और आपराधिक मामलों की रिपोर्टिंग के लिए दिशानिर्देश बनाने की मांग को लेकर दायर याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में खारिज हो गी। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार दिया। याचिका में आरोपी के अधिकारों पर विचार करके आपराधिक मामलों में रिपोर्टिंग के लिए मानक नियम बनाने, मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने और पहलवान सुशील कुमार के खिलाफ मामले में सनसनीखेज रिपोर्टिंग को रोकने की मांग की गई थी।
जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, एक विधि छात्र ने याचिका दायर कर कहा था कि छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद के संबंध में मीडिया द्वारा सुशील कुमार के मामले की रिपोर्टिंग से उनके करियर और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। साथी पहलवान की हत्या के मामले में पुलिस ने 23 मई को मुंडका से गिरफ्तार होने के बाद अदालत ने सुशील को छह दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था।
गौरतलब है कि ओलंपियन सुशील कुमार और उसके साथियों ने चार और पांच मई की रात छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर धनखड़ (23) और उसके दो दोस्तों सोनू और अमित कुमार के साथ मारपीट की थी। पुलिस ने सुशील समेत अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या), 365 (अपहरण), 325 (गंभीर चोट पहुंचाना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
वहीं, इसके अलावा धारा 188 (लोक सेवक द्वारा आदेश की अवज्ञा), 269 (लापरवाही से बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।समाप्त विनीत त्रिपाठी27 मई