अतिक्रमण और अनधिकृत निर्माण के खिलाफ हाई कोर्ट सख्त, एनडीएमसी से पूछा क्यों नहीं हो रही कार्रवाई
Delhi High Court News पीठ ने कहा कि निश्चित तौर पर आपने याचिकाकर्ता की संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई करके अच्छा काम किया है लेकिन उम्मीद है कि एनडीएमसी इस तरह की कार्रवाई अतिक्रमण अनधिकृत निर्माण करने वाले हर संपत्ति मालिक के खिलाफ होगी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। चुनिंदा तौर पर अनधिकृत निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए दायर की गई जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) पर सवाल उठाया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने एनडीएमसी से पूछा कि अतिक्रमण व अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
हर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ होनी चाहिए कार्रवाई
पीठ ने कहा कि निश्चित तौर पर आपने याचिकाकर्ता की संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई करके अच्छा काम किया है, लेकिन उम्मीद है कि एनडीएमसी इस तरह की कार्रवाई अतिक्रमण, अनधिकृत निर्माण करने वाले हर संपत्ति मालिक के खिलाफ होगी।
तस्वीर और रिकार्ड कोर्ट ने दर्ज करने का दिया निर्देश
पीठ ने उक्त टिप्पणी करते हुए एनडीएमसी को उत्तरी दिल्ली स्थित भाई परमानन्द कालोनी क्षेत्र में हुए अनधिकृत निर्माण और अतिक्रमण पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। साथ ही तस्वीरें भी रिकार्ड में दर्ज करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी। याचिकाकर्ता देव राज कपूर ने अधिवक्ता तरुण राणा, आदित्य सरीन और एम. एम. खान के माध्यम से याचिका दायर करके कहा कि कालोनी में अधिकतर भवनों में अनधिकृत निर्माण और अतिक्रमण किया गया है। लेकिन, एनडीएमसी ने सिर्फ उनकी संपत्ति पर ही कार्रवाई की।
बिना प्लान के चौथे तल का हो रहा निर्माण
उन्होंने दलील दी कि इलाके में बिना प्लान पास कराए चौथे तल पर निर्माण किया गया। वहीं, भूतल पर सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमण करके निर्माण किया गया है। इतना ही नहीं, कमरों का निर्माण करके व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जानकारी होने के बाद भी एनडीएमसी के अधिकारियों की तरफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।