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हाई कोर्ट के अगले आदेश तक दिल्ली में नहीं कटेंगे पेड़, 26 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

पीठ ने सभी एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा कि दोमंजिला इमारत को बहुमंजिला में तब्दील करना पुनर्विकास नहीं हो सकता।

By Amit MishraEdited By: Published: Wed, 04 Jul 2018 09:36 PM (IST)Updated: Wed, 04 Jul 2018 10:24 PM (IST)
हाई कोर्ट के अगले आदेश तक दिल्ली में नहीं कटेंगे पेड़, 26 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
हाई कोर्ट के अगले आदेश तक दिल्ली में नहीं कटेंगे पेड़, 26 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

नई दिल्ली [जेएनएन]। दक्षिणी दिल्ली में केंद्रीय कॉलोनियों के पुनर्विकास के लिए पेड़ काटने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अग्रिम आदेश तक पूरी दिल्ली में वृक्षों की कटाई पर रोक लगा दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल तथा न्यायमूर्ति हरि शंकर की पीठ के समक्ष बुधवार को आधे घंटे तक चली सुनवाई के दौरान पीठ ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी), डीडीए और अन्य विभागों को जमकर फटकार लगाई।

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पुनर्विकास के नाम पर हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं

पीठ ने कहा कि एक तरफ तो दक्षिणी दिल्ली स्थित एम्स तथा सफदरजंग अस्पताल के बाहर मरीजों को पानी तक नहीं मिल पा रहा है, वहीं दोनों अस्पतालों के सामने पुनर्विकास के नाम पर हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।

...तो पूरे प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी जाएगी

पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो पूरे प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी जाएगी। पीठ ने एनबीसीसी, डीडीए, केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार को प्रोजेक्ट व पेड़ काटने के मामले पर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए। इसके साथ ही पूरी दिल्ली में किसी भी विभाग को पेड़ कटाई की इजाजत देने पर 26 जुलाई तक रोक लगा दी है। पीठ ने सभी एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा कि दोमंजिला इमारत को बहुमंजिला में तब्दील करना पुनर्विकास नहीं हो सकता। पुनर्विकास की योजना तैयार करने के दौरान सभी मूल जरूरतों के बीच सामंजस्य बनाना पड़ता है। 

एनजीटी ने भी पेड़ों की कटाई पर लगाई रोक 

ज्ञात हो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी दिल्ली में पेड़ों की कटाई पर 19 जुलाई तक रोक लगाई है। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने अंतरिम रोक के बावजूद वृक्ष काटे जाने पर एनबीसीसी को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट में इस मामले की जाच 26 जुलाई को होगी। वहीं, एनजीटी इस मामले को 19 जुलाई को सुनेगा।

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पीठ के संबंधित एजेंसियों से सवाल

- क्या योजना बनाते समय पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में ध्यान दिया गया?

- क्या इस बाबत कोई अध्ययन किया गया?

- क्या पेड़ों पर बड़ी संख्या में रहने वाले पक्षियों के बारे में सोचा गया? 


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