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Oxygen Crisis in Delhi: आप नहीं कर सकते तो बताईए हम केंद्र सरकार को दे दें: हाई कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी की खबरों पर सरकार से नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कालाबाजारी करने वालों को हिरासत में लेने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि आपके पास कार्रवाई करने की शक्तियां हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 03:42 PM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 08:31 PM (IST)
Oxygen Crisis in Delhi: आप नहीं कर सकते तो बताईए हम केंद्र सरकार को दे दें: हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सिलेंडर (ऑक्सीजन) का कारोबार पूरी तरह गड़बड़ है।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। आपके पास आक्सीजन नहीं है, दवा नहीं है, इंजेक्शन नहीं है और अस्पतालों में बेड नहीं है। अब तक की स्थिति और तथ्यों को देखकर एक बात तो साफ है कि रिफिलर के पास पर्याप्त आक्सीजन है, लेकिन रिफिलर से अस्पताल तक आपूर्ति की निगरानी के लिए दिल्ली सरकार की व्यवस्था नहीं है। सारी परिस्थितियों को देखकर दिल्ली सरकार पर हमारा विश्वास डगमगा रहा है। आक्सीजन से हुई मौतों और ध्वस्त व्यवस्था को देखते हुए उक्त गंभीर टिप्पणी न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने की। पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि अब तक सुनवाई से साफ है दिल्ली सरकार स्थितियों को संभालने में पूरी तरह फेल साबित हुई है। पीठ ने कहा कि अगर आप नहीं कर सकते तो बताईए हम केंद्र सरकार को सौंप देते हैं।

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पीठ ने कहा कि हम इस तरह से लोगों को मरते हुए नहीं देख सकते। पीठ की तल्ख टिप्पणी पर दिल्ली सरकार को बचाव करते हुए स्टैंडिंग काउंसल राहुल मेहरा ने कहा कि हमें आक्सीजन सप्लाई का अनुभव नहीं है, यह हमारे लिए नया है। हमें वक्त दीजिए। पीठ ने इसके जवाब में कहा कि दिल्ली सरकार अपना घर दुरुस्त करे। पीठ ने कहा आप प्रशासक हैं और आपको प्रशासन चलाना आना चाहिए। पीठ ने कहा कि आपके पास अधिकार है आप उसका इस्तेमाल करिए। राहुल मेहरा ने कहा कि हम ऐसा करके माहौल नहीं बिगाड़ना चाहते। पीठ ने कहा कि अगर कोई व्यवस्था को बिगाड़ रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करके सख्त संदेश देना चाहिए। अदालत ने सरकार को अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने से नहीं रोका।

आक्सीजन, इंजेक्शन और दवा की कालाबाजारी की करें जांच

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता राकेश मल्होत्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार के 30 वेंटर सूचीबद्ध है और रेमडिसिविर इंजेक्टर सहायक को दी जा रही है। इसके कारण इसकी कालाबाजारी हो रही है। वहीं, शांति मुकुंद अस्पताल की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि मरीजों का इलाज घर पर भी हो रहा है, जबकि रेमडिसिविर इंजेक्टर उन्हें ही दिया जा रहा है जिनका इलाज अस्पताल में हो रहा है। पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि सिर्फ भर्ती होने वालों को इंजेक्शन देने का आदेश पूरी तरह से गलत है। पीठ ने कहा आप कैसे कह सकते हैं कि आप पास हॉस्पिटल बेड नहीं है आपको इंजेक्शन नहीं मिल सकता है।

वहीं, अधिवक्ता मालविका त्रिवेदी ने बताया कि उन्हें मरीजों ने बताया कि हॉस्पिटल के पास इंजेक्शन होने के बाद भी उन्हें नहीं दिया जा रहा है। राहुल मेहरा ने कहा कि वे ड्रग कंट्रोलर को पीठ के समक्ष पेश होकर बताने को कहेंगे कि क्यों भर्ती मरीज को ही इंजेक्शन दिया जा रहा है। पीठ ने निर्देश दिया कि इंजेक्शन, दवा और आक्सीजन की कालाबाजारी की जांच करें और रिपोर्ट पेश करें।


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