2017 Unnao Assault Case: कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने सीबीआइ से मांगा जवाब
2017 Unnao Assault Case उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म कांड मामले में कुलदीप सिंह सेंगर उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। सामूहिक दुष्कर्म कांड का यह मामला वर्ष 2017 में सामने आया था। मामले की राजनीतिक तूल पकड़ने पर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश के उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी भाजपा से निलंबित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने सीबीआइ को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई 25 मई तक के लिए स्थगित कर दी। कुलदीप सेंगर ने उम्रकैद की सजा और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के तीस हजारी कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
पीठ ने साथ ही सेंगर द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-391 के तहत अतिरिक्त सबूत मांगने वाले एक आवेदन पर भी नोटिस जारी किया है। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सेंगर की अपील पर मुकदमा चलाने के लिए यह आवश्यक है। सेंगर की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने पीठ को बताया कि वे पीड़िता के आयु प्रमाण पत्र की मांग कर रहे हैं, जिससे यह पता चलेगा कि अपराध के दौरान वह नाबालिग थी या नहीं।
तीस हजारी अदालत ने दिसंबर 2019 में वर्ष 2017 के दुष्कर्म मामले में कुलदीप सेंगर, उसके भाई समेत अन्य को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी।सेंगर पर लगाए गए 25 लाख रुपये के जुर्माना राशि में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का निर्देश दिया गया था। सेंगर ने किशोरी का जून 2017 में अपहरण और दुष्कर्म किया था।सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित किया गया था। मामले में लंबी सुनवाई के बाद तीस हजारी अदालत ने दिसंबर 2019 में निर्णय सुनाया था। वहीं, हिरासत में पिता की हत्या के मामले में भी 13 मार्च 2020 को तीस हजारी अदालत ने सेंगर कुलदीप सेंगर, अतुल और पांच अन्य लोगों को दस-दस साल के कारावास की सजा सुनाई थी।पीड़िता के पिता को सेंगर के दबाव में आम्र्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था और पुलिस हिरासत में की गई बर्बरता के कारण नौ अप्रैल 2018 को उनकी मौत हो गई थी।
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